जिंदगी भर की कमाई तुम थे,
इससे ज्यादा जका़त कौन करे।
तुम्हें बुत कहें या खुदा समझे,
इश्क़ में जात पात कौन करे।।
- Dr.Kumar Vishwash— % &-
मोहब्बत से नूर बरसता है, तुमको पता है
तुम जो इतना खिलती हो, समझता हूँ।-
मैं प्रेम की खातिर अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देती,
अगर तुमने स्वाभिमान और अभिमान में फर्क समझा होता!!-
गांधी बनने में एक उम्र लग जाती है,
गोडसे तो एक पल में बना जा सकता है।
🙏
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हो काल गति से परे चिरंतन,
अभी यहाँ थे अभी यही हो।
कभी धरा पर कभी गगन में,
कभी कहाँ थे कभी कहीं हो...
(अनुशीर्षक में पढ़ें)
-कुमार विश्वास-
"ये तेरी बेरुखी की हमसे आदत खास टूटेगी
कोई दरिया न ये समझे कि मेरी प्यास टूटेगी
तेरे 'वादे' का 'तू' जाने, मेरा वो ही 'इरादा' है
जिस दिन सांस टूटेगी उसी दिन आस टूटेगी..!"
#Dedicated @DrKumarVishwas-
लोगों के दर्द में आप मददगार में तो हो,
दिखावे है भी तो क्या,अच्छे किरदार में तो हो ।
लोग फरिश्ता समझेंगे तुम्हे तुम्हारे रहम के लिए,
तुम इसी लालच में जोरदार प्रचार में तो हो ।।-
वो हर वक़्त मेरे ख्यालो में रहता है,यहीं सोचती हूँ मैं,,
वाजिब नहीं इश्क़ का वाफ़िर हो जाना,यही सोचती हूँ मैं,,
अक्सर सदायें पहुचती नहीं हरदम के पास,,
नफ़से वापसी सा हो गया इश्क़ मेरा,चाहती मैं रही,वो दूर हो गया,यही सोचती हूँ मैं,,
वाजिब - उचित
वाफ़िर- बहुत अधिक
सदा -आवाज
नफसे वापसी- अन्तिम साँस जो जाकर फिर वापस न आये-
तुझे कोई शिकवा नहीं,मुझसे कोई गिला नहीं,
तेरे दिल के मलाल पर कोई सवाल भी नहीं,
मैंने तुझे समझा नही,तूने मुझे जाना नहीं,,-