Agar Me apni aankhein band karta hu
Mujhe ab se kuch saal baad kya dikhaii dega?-
कोई बनकर हमसाया बदन लूट लेता है
दिखाकर झूठे ख़्वाब चमन लूट लेता है
वहम का कीड़ा करता है नुक्सान बड़ा
गर लग गया तो सारी लगन लूट लेता है
किसी से क्या गरज़ है हयात-ए-फ़ानी में
गिराकर झूठे दो आँसू कफ़न लूट लेता है
कुछ ग़ैर होकर भी वतन पर जान देते हैं
कोई हमवतन होकर वतन लूट लेता है
कोई शख़्स जानी अज़ब काम करता है
अमन के वादे करके अमन लूट लेता है
कलम से यारी साजिद की गहरी हो गई
उठाता हूँ जब उसे वो थकन लूट लेता है-
अपनी मर्ज़ी का कोई काम नही करने देती
ये जो ग़रीबी है कभी आराम नही करने देती-
कश्ती ज़िन्दगी की कभी डगमगाती हैं
कभी सम्भाल जाती हैं
ये सिलसिला तब तक ज़ारी रहेता हैं
जब तक मौत नहीं आ जाती हैं।
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करेंगे तुम से बाते कुछ दिन
कुछ दिन अपना बनाएंगे
जब मन भर जाएगां तुमसे
तो तुम्हें छोड़ जाएंगे......-
दिल की जो भी आस थी
वो अब पुरी हो गई....💕
तुम मिल गए तो जाने
क्यों ये दुरी हो गई....!-
Ye kaisi bebasi hai meri..,,
Na hum tumse door ja pa rahe hain..
aur na hi tumhare paas
rahne ko dil chahta hai...
Na tumse baat karne ko dil kar raha hai..
Aur na hi bina baat
kiye rah pa rahe hain..!!😔-
हाँ, यही तो ग़रीबी है साहब !
कोई काम मिले तो ये अपनी मर्ज़ी नहीं रखते
बस, घर खर्च के पैसे मिल जाए,
इसी जुनून में आराम करने की अर्जी नहीं रखते..-
तुम तक कभी
पहुंच ही न पाई
मेरी खामोश चीखों
को सुनते तो कभी
मेरी रोती सुबकती बातें
वो दर्द भरी मुलाकातें
कैसे काटे ये तन्हा रातें
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किसी को दिल से चाहो
तो उसकी इज्जत करो
ना की उसकी इज्जत पे
सवाल उठाओ
झूठे रिश्ते मत बनाओ
बेसक जिन्दगी भर अकेले
रह जाओ...!!-