Riyam's Quote...   (रियम् Riyam)
1.5k Followers · 1.3k Following

read more
Joined 20 February 2019


read more
Joined 20 February 2019
22 FEB 2021 AT 21:38

Simultaneous Smile and Tears in Parents Face

-


12 FEB 2021 AT 23:15

साहिल है वो मंजिल का, उन्हें बीच मे ठहरना
नहीं आता.
सिर पे शिव का आशीष लिए 'शिवाशीष' जो है कहलाता..

-


11 FEB 2021 AT 23:57

भीड़ मयस्सर है जिसे हर मोड़ पर...
फिर क्यूं अपने सफ़र में वो तन्हा चलता है।

फूलों - सी खिली सुबह है जब...
फिर क्यूं शाम उदाशियों में ढलता है।।

-


15 AUG 2020 AT 21:43

मंदिर बनने से पहले तुम,
अपने मन को साफ़ कर लो ।
श्री राम की स्थापना तो कर ही लेंगे,
पहले भीतर के रावण का नाश तो कर लो।।
हमारा भारत; एक ऐसा देश है,
जहाँ 'भाईचारा' का पाठ पढ़के भी
भाई ही भाई को मारता है ।
'बहू-बेटी एक समान' का नारा लगाकर
बहुएं जिंदा जलाई जाती है ।।
बुर्खा हो या साड़ी, यँहा नारी
चीजों के भाव में बिकता है ।
हाथों से ना सही, नज़रों से ही
बलात्कार किये जाते है ।।
एक दिन के लिए आज़ादी का जश्न,
बड़े ज़ोर-शोर से मनाते है ;
उसके लिए की गई कठिन त्याग,
कहॉ कोई महसूस कर पाता है ??
जाति-धर्म का भेद भाव करके तुम,
कितना बड़ा राजनेता बन जाओगे!
मोह-माया के भवर में फसकर ,
आख़िर कितना जायदाद कमाओगे !!
अंत मे जाकर बस दो गज़ जमीं की ही
जम़ीदार बन पाओगे !!!

-


11 AUG 2020 AT 14:29

खून के रिश्ते बस ABO में ही मिलते है.

पर दिल के रिश्ते तो A to Z तक होते है..

Aच्छे हो या बुरे Zïन्दगी के हर लम्हों में देते हो साथ!

इसीलिए तो मेरे दोस्त, तुम हो बड़े खास !!

-


30 MAY 2020 AT 20:32

Even if the whole world is against me,
a Hug from you is enough to ensure that everything is alright.

-


23 NOV 2020 AT 0:05


मोहब्बत को मज़हब के नाम पर बांटा गया,
दो पल सुकून केे ढूंढ़ते हुए परिंदों के कानो पर
दीन-धर्म का सबक पढ़ाया गया,,
एक किसी और के साथ निकाह पढ़ले
और
दूजा किसी और के साथ सात फेरे कर ले
ये गुनाह करने से पहले दोनों को सज़ा-ए मौत
ज्यादा वफादार लगी......

-


15 SEP 2020 AT 21:49

चलो आज फिर से, किसीके जले पर नमक छिड़का जाए.
समाज को समाज की ही, दो कौड़ी की औकात दिखाया जाए..
ज़िन्दगी जीने के लिए, जो तोड़-तरीके बनाए हो ना तुम लोग!
साला वही अब, ज़िन्दगी तबाह करने पे तुला हुआ है,,
ये बात, तुम सबको कैसे समझाया जाए ???

-


6 SEP 2020 AT 22:46

गहरे शब्दों का पहाड़
जो सबके लिए खुला रखें अपने दिल की दरबार

महफ़िल में बनाके खुद ही का तमाशा
जो रखता है हुनर सबको हँसाने का

औरतों के सम्मान पर उठाते कलम हर बार
ऐसा होनहार लेखक है, Apna Dilip Writer

-


5 SEP 2020 AT 23:12

मै हरदम साथ निभाऊंगा!!

मै ये बातें नहीं कहता, तेरे सारे दुख-दर्द ले लूंगा।
मगर जो भी है बाधाएं, उन्हें साथ में तेरे झेलूंगा।

मै ज़रा-सा अलग, ज़रा बेढंगा सा लगता हूं।
तू जो चाहे तो तेरे रंग में ही रंग जाऊंगा।

रास्तों कि परवाह ना कर।
तू चलने को आवाज़ दे, मै हर रास्तों में संघ आ जाऊंगा।

तेरे आस-पास ज़रा कम देखे है रिश्ते मैंने।
तुझे जिस रिश्ते की तलाश होगी, मै उसमे ही ढल जाऊंगा।

समझना हो दुनिया को, या करनी हो खुद की पहचान।
तो मां की हर ममता देने, मै माता बन जाऊंगा।

जब खुद में कमज़ोर लगो, या सामर्थ्य नहीं आगे बढ़ने का।
मनोबल बढ़ाने को मै पिता बन साथ निभाऊंगा।

कोई बात हो मन में या दिल गमगीन हो।
मित्र सहेली बनकर मन के सारे गम पी जाऊंगा।

जब अकेली हो इन राहो में।
हर राह में साथ निभाने, मै हमसफर तक बन जाऊंगा।

बच्चो के संघ मिलकर जो खिलखिलाना चाहो तो।
वो हसी चेहरे पर लाने, मै बच्चा हो जाऊंगा।

सफर में अकेले दौड़ते-भागते, खुद को बुरा सा लगने लगा हूं।
शायद तेरे साथ चल कर थोड़ा अच्छा हो जाऊंगा।

मै ये बातें नहीं कहता, कोई ग़म नहीं होगा जीवन में।
मगर हर गम से लड़ने को, मै हर हद तक साथ निभाऊंगा।।

-


Fetching Riyam's Quote... Quotes