आँकतीं हूँ खुद को आईने के सामने
कहाँ है कमी जो कुढ़ती हैं अतः मन को
हर दिशा से महकती हवाएं नहीं आती
बेचैन मन मिलती नहीं राहत, पल को
हर सुबह खूबसूरत नहीं दिखती
रह जाती हैं बासी जूठन , कल को
रुद्रन , क्रंदन सब व्यर्थ पड़ जाते है
पड़ जाती मार, ऊपर की खुदको
खुद को कब से कब तक तलाश करूँ
गुजरती हर पलों से बस यही सवाल करूँ
बस यही सवाल करूँ......🍁
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Agar ab bhi na jaage to jagen ge kb tk
Zindagi apni gaflat me guzarenge kb tk
Ummeed dusron se lgaa kr hum
Apne aansuon ko bhaate rhenge kb tak.-
गम तो बहूत पी लिया यारो....🤙🏻
कोई तो हो 🤔🧐
जो चाय बनाकर पिलाए....,😜😘
☕☕-
पता नहीं किसने
ये मोमबत्तियों का रिवाज चला दिया
वरना नारी सम्मान पे बात
आने पर महाभारत और लंका दहन
की प्रथा थी हमारी।
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Bhot waqt ho gya unse bat hue
Pr fir bhi wo naraz hai
Koi unse puche to shi
Jb bat hi nhi hoti to narazgi kis bat ki-
Kb tk mai taine sunti rahu,
Kb tk sahi hokr bhi galat banti rahu,
Kb tk iss ghutan mei saase mai leti rahu,
Kb tk teri majbooriyon ki saza mai sehti rahu,
Kb tk marne ki chah mei, mai tadapti rahu,
Kb tk , Akhir kb tk,
Tum chale gae mujhse yun muh pher kr, Kb tk mai khudse iss baat ki nafrat nibhati rahu,
Kb tk mai toote hue apne inn tukdo ko bikharne se bachati rahu,
Ab itni bandishe hai mujhpe , tujhe kya batau mai jhel pati nahi,
Na jane q meri maut aati nahi ?-
कब तक सहू मैं
कब तक झुकू मैं
कब तक लड्डू मैं
कब तक पीटू मैं
आस लगाए बैठी हूं कब तू सुधर जाए
बेवकूफ है तू तुझे समझ ना आए
नारी को तू ने उस नजर से देखा है
हैरान हूं मैं की तू भी किसी नारी का बच्चा है
थू है ऐसे मर्दों पर जो मर्दानगी इसे बताते हैं
तू भी क्या देखेगा हम तुम्हें असली नारी से परिचय करवाते हैं
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आओ तुम्हें एक बात बताते हैं
एक जन्म भी जो साथ ना चल सके
वह भी सात जन्म साथ रहने का वादा करते हैं-
ऐसे होते है कुछ लोग
अपना किया हर चीज सही लगता है
पर दूसरा वह करने जाए तो 10 गलतियां निकाल देंगे-