Focus on 'Verbs',
'Adjectives' will Follow.-
अगर तू तलवार होता
काट डालता शीश तू शत्रु का
पर तुझको ना किंचित भी दुख होता।
जख्म देता कितने भी गहरे
और शत्रु जब दुख से रोता,
तनिक भी ना तुझे बुरा लगता नाही तू कभी लज्जित होता।
पर याद रख तू कोई तलवार नही
जख्म देकर खुश ही रहना,इतना भी आसान नही।
माना तेरा जीवन है रणभूमि
पर समय कि है अब पुकार यही
पुनःविचार कर तू फिर से
क्षमादान कर दे तू फिर से
है मानवता कि एक मांग यही।
है मानवता का एक सार यही।।-
Old is gold
You reap what you sow
Revenge is sweet
Beauty is in the eye of beholder
Don't curse the darkness
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अरे यह कर्म चक्र है सबका ही तो;
भला तु इस्से कैसे ही बच जाएगा?
(Read Caption)-
Mohabbat krte ho ❤ ...
Or uski izzat ki fikar hi nhi ...
Toh mohabbat kaisi ???-
♾People don't understand..
Until,
The same thing hits them
deeper...♾-
God will be proud of himself for making humans only when humans begin to be proud of their humanity
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दो फूल रखने से जल गया मजार में कोई
सुखे पतों सा कर फिर से कारोबार कोई.
सादगी की धूल आज भी लिपटी है मुझसे
खिड़की से अब देखता नहीं बारोबार कोई.
महबूब की अदा ने बेशक अदाये बदल दी .
हुक्म मत दे मैं गुलाम ना तेरा पहरेदार कोई.
हकीकी वफा से बेवफा सब उफान में रहा.
गाजी खामोश हो गया दरिया शोरदार कोई.
रोजगार पाने में राहगीरों के जूते गिसते गये
दुआ हुई है बेअसर अंकुर जर जोरदार कोई.
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