Ravindra Singh Rathore   (⚔️Ravindra✍️)
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Joined 28 April 2019


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14 JAN 2023 AT 23:27

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4 SEP 2021 AT 11:57

A hero can kill someone to save the world... but a villain can destroy the world to save one...
What do you want a hero or a villain..?

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15 AUG 2021 AT 11:45

एक जिद्द जहन में पाला जाए..
गहराई से खुद को जाना जाए..
जो रोड़े पड़े है राहों मे उनसे..
सीढ़िया अंबर तक डाला जाए...2

एक सनक सीने मे पाली जाए...
निराशा मन कि टाली जाए..
कर द्वंद खुदा से अपने...
नयी लकीरें हाथों में डाली जाए...2

एक सोच नयी अब लायी जाए..
आराम असहनीय मर्ज बन जाए..
नाज करे यह देश तुम पर...
काम वही तो किया जाए....2

आलस पर तू वार कर.. परचंड आघात प्रहार कर..
अजैय होने का संकल्प कर.. जीत कि फिर हुंकार भर..2

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20 JUN 2021 AT 16:27

***वो पुराना ज़माना ही ठीक था (full in caption)***

रास नहीं आता हमे यह मॉडर्नेटी का आना...
वो पुराना ज़माना ही ठीक था..

भाता नहीं अब रोज नया बहाना...
वो तेरी आंखों में झूंट का छलक जाना ही ठीक था...

अच्छा नहीं लगता तेरा यूं रूठ जाना...
वो तेरा लड़ना, और लड़के फिर मनाना ठीक था...

खुशी नहीं मिलती अब तेरे ऑनलाइन आने के इंतजार में...
वो तेरा चुपके से छत पर आ जाना ही ठीक था...

नहीं बरदास्त होती बेहयाई तुम्हारी आंखों में....
वो मुझे देखकर तेरा शर्माना ही ठीक था...

नहीं देख पाता हुं यार, तुम्हे अब इन छोटे कपड़ों में....
वो तेरा सर पर दुपट्टा सजाना ही ठीक था....

सच में, रास नहीं आता हमे यह मॉडर्नेटी का आना...
वो पुराना ज़माना ही ठीक था..

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27 MAR 2021 AT 13:19

**Innocent Love Part-1**
एक माशुमियत है तेरी आंखों में..
फिर ये बेरहमी कंहा से लाती हो...

मैं जाड़े का मुसाफ़िर प्रिय..
तुम शीत लहर सी आती हो..
मैं छुपता तेरी निगाहों से...
तुम पल में कलेजा चीर जाती हो...

मैं शांत सा समंदर प्रिय..
तुम मछलियों सी गोते लगती हो..
उठती तुम हवाओं में, मेरी पनाहो से..
दिल में सुराख कर जाती हो...

मैं चिर काली रात प्रिय...
जिसमें जुगनुओं सी तुम जगमगाती हो..
अंधेरे में डूबे ख्वाबों को मेरे..
पल में रोसन तुम कर जाती हो...

मैं माशुम सा मृग प्रिय...
तुम कोई कस्तूरी सी मुझमें समाती हो...
मैं दौड़ता रहता हूं पाने को तुमको...
अंत में तुम्हीं जान पर बन आती हो..
To be continued..

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31 JAN 2021 AT 14:09

My 1st Rap song
**Society**
सीता चाहिए सबको पर राम यहां कौन हैं?
बातें हैं ईमान कि पर सब रिश्वत खोर हैं..
बनते सब शरीफ यंहा पर दिल के अंदर चोर हैं..
मुस्कुराते हुए चेहरों के पीछे दुख घनघोर हैं...
दिल के अन्दर चौर है..दुख घनघोर है-2

खुद यहां पर सचे.. झूटे बाकि ओर है...
खुद करें तो सही.. और तुम में ही सब खोट है..
यह समाज नहीं है तेरा.. यहां स्वार्थों का शोर है..
प्यार खुशियों की जरूरत कहां .. नफरत कि यंहा चोट है..
समाज ही चोर है... इसमें ही सब खोट है-2

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9 JAN 2021 AT 14:47

अब गुलिस्तां से क्या याराना रखें यारों....
उनकी मोहब्बत में तो हमारा लहू भी गुलाबी हो गया है...

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13 DEC 2020 AT 16:24

हमारे ज़िन्दगी का सबसे खास दोस्त
हमारे माता पिता ही हमसे छीन लेते है...
वह भी उस समाज के लिए जिसने एक भगवान से
उसकी पत्नी तक छीन ली थी...

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10 DEC 2020 AT 15:12

Be a role model for yourself...
Nothing is better than you if you try to better yourself

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8 NOV 2020 AT 20:38

I never ignore if someone tries to mess up with me...
either I forgive or I take revenge...

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