Dear Amma Kalratri
People especially women need indomitable courage to fight for themselves or for sack of the poor of this era. And you're a true idol, hope, for us.
You're the ruler of night too. Every night you provide deep rest to all living beings in your abode. Our gratitude towards you Amma.
“We need strength, knowledge and courage, without it at the same time, nothing be possible.”
The world is full of crime, we really need you here...
(Please Read Caption...)-
नवरात्रि के सातवें दिन "अभि" माँ कालरात्रि की पूजा की जाती हैं।
माता कालरात्रि नकारात्मक ऊर्जाओं का विनाश करने वाली हैं।
इस दिन साधक का मन सहर 'सहस्रार' चक्र में स्थित रहता है।
इसके लिए ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है।
देवी कालरात्रि को काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मृत्यू-रुद्राणी,
चामुंडा, चंडी व दुर्गा के कई विनाशकारी रूपों में से एक माना जाता है।
देवी के इस रूप में सभी राक्षस, भूत, प्रेत, पिशाच और नकारात्मक
ऊर्जा का नाश होता है, जो उनके आगमन से पलायन करते हैं।
इनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है व सिर के बाल बिखरे हुए रहते हैं।
गले में विद्युत दिप्तमान माला है तथा इनके तीन नेत्र हैं जो ब्रह्मांड सदृश गोल दिखते हैं।
सुनो भक्तों! इनसे विद्युत के समान चमकीली किरणें निःसृत होती रहती हैं।
माँ की नासिका के श्वास-प्रश्वास से अग्नि की भयंकर ज्वालाएँ निकलती रहती हैं।
माँ कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है किंतु ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं।
माँ कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली और ग्रह-बाधाओं को भी दूर करने वाली हैं।
माँ कालरात्रि के स्वरूप-विग्रह को अपने हृदय में अवस्थित
करके मनुष्य को एकनिष्ठ भाव से उपासना करनी चाहिए।
"माँ कालरात्रि" शुभंकारी देवी हैं इनकी उपासना
से होने वाले शुभों की गणना नहीं की जा सकती।
(बाकी अनुशीर्षक में)-
काली विकराली भयंकर शोहे कालरात्रि मईया
शोहे कालरात्रि मईया शुभंकरी अंधकार छईया
गदर्भ-सवार अति-विकराल शुभ-शुभ हे मईया
आनंद-विभोर भाव-पुलकित मुख देखि मईया
दैत्यों का नाश है करती लहूओं का ग्रास करती
भक्तजन को करती है उल्लास कालरात्रि मईया
रक्त पिपासी जैसी क्रुद्ध राक्षस अविनाशी जैसी
और क्या-क्या मैं रुप बताऊँ मईया कैसी-कैसी
सब सिद्धियों की ये जननी पूर्णाहुत करने वाली
भक्तजो माँगे सब मिल जाए कोई आवेन खाली-
माँ दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं।इनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं। गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। इनके तीन नेत्र हैं। माँ की नासिका के श्वास-प्रश्वास से अग्नि की भयंकर ज्वालाएँ निकलती रहती हैं।
प्रतिपदा का सातवाँ दिन गहरा नीला रंग का माना जाता हैl यह रंग शक्तिशाली ऊर्जा प्रतीक है | कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं। इसी कारण इनका एक नाम 'शुभंकारी' भी है। इस प्रकार यह रंग क्रोध में विधमान क्रांति का भी प्रतीक है| धुमोरना देवी कालात्री अबला में निहित बल का साक्षात् दर्शन हैं |-
लड़की
क्या कसूर है मेरा
जो जन्म से पहले मार डाला
क्या किया था मैंने
जो जीवित को ही जला डाला
क्या कहूं अब तुझसे
हर बार सही होते हुए भी
क्यों गलत हो जाती हूं मैं
कभी मां पापा तो कभी समाज
के लिए बलिदान देती हूं मैं
फिर कहता है ये पापी समाज
लड़की है ये कहा समझेगी
समझना कैसे है ये उसे सिखाया जाता है
जो सब जानती है
हर बार मुझे ही क्यों सही साबित
करना पड़ता है खुद को
हर बार पाबंदियां मुझ पर ही क्यों
कितने बलिदान दिए मैंने ये
समझना आसान नहीं है
कभी सीता बनकर अग्नि परीक्षा दी
तो कभी हीर बनकर जहर पिया
फिर भी चुप रही
अब तू जवाब देगा मुझे भगवान
कि मुझे ही क्यों चुना तूने
इस परीक्षा के लिए
नारी हूं अपमान सहकर भी चुप रहना आता है
पर भूल मत करना नारी को शक्तिहीन समझने की
काली भी हूं नाश का प्रतीक हूं मैं
जन्मदात्री भी हूं ,विनाशनी भी मैं ही हूं
Miss Kohli
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काळ रात्र...
अश्रूंनी गोठलेली ही काळ रात्र आहे
शब्दांनी मांडला इथे सारीपाट आहे...
ठोका काळजाचा ही स्तब्ध आहे
आर्त सुरांची मैफ़ील आज रंगीन आहे...
इच्छा आकांशाचा ही माजला काहूर आहे
आयुष्याच्या उंबरठ्यावर वीट जगण्याचा आहे..
शल्य सुखाचे निजांतरी सदैव बोचत आहे
बळ लढण्याचे आता शिथिल झाले आहे...
वेदना माझ्या मनाचा.. हुंदका दाबून आहे
किती सोसावे सहावे ताळतंत्र मांडून आहे...
गर्द काळ्या सावल्याही ठाण मांडून मनात आहे
प्रकाशाशी वैर माझे जणू जन्मजात आहे....
किती श्वास कोंडले इथे मी मनाचे
त्या काळरात्री आज रांगेत उभ्या आहे...
रुदन रात्रीस किती गूढ गिळून आहे
मनाचा मनाशी खेळ अजब गजब आहे... Savita BK-
नवरात्रि का सातवां दिवस
देवी नवदुर्गा के नौ रूपों में
सातवां स्वरूप हो आप।
जय कालरात्रि माता,
संकटों की विनाशिनी,
महायोगीश्वरी,
महायोगिनी आप हो शुंभकरी।
साहस की देवी,
भयहारिणी मां,
दुश्मनों की बैरी,
आप हैं विजयधारिणी।
आप हैं सर्वमंगल कारिणी,
आशा शीश नवाए,
कीजिए दुखों की निवारिणी।-
शुभंकरी भी है एक नाम माँ कालरात्रि का
सहस्त्रार चक्र में ध्यान लगाना माँ कालरात्रि का
भूत ,पिचाश भी डर जाते हैं माँ कालरात्रि के नाम से
भय बाधायें करो दूर करे,ध्यान करो माँ कालरात्रि का-