हर गुज़रते दिन के साथ याद बहुत आते हैं
रेत जैसे दिन मुट्ठी से फिसलते ही जाते हैं !
एकादशी तिथि का श्राद्ध
ॐ पितृ देवाय नमः 🙏🏻
17/09/2025-
ख़्वाहिशों को उड़ान देकर
आकाश में स्वच्छंद पक्षी जैसे
उड़ जाती पंख लगा... read more
विरह वेदना अपनों की कभी सही ना जाये !
पीड़ा अनुभव होती है फिर भी कही ना जाये !!
दशमी तिथि का श्राद्ध
🕉️ पितृ देवाय नमः 🙏🏻
16/09/2025-
आकर रुला जाती हैं बिसरी बातें
कहीं गहरे बैठी हैं अपनों की यादें
नवमी तिथि का श्राद्ध
ॐ पितृ देवाय नमः 🙏🏻
15/09/2025
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हमारे देश की हरदम सुखद पहचान है हिन्दी
जमाने भर की खुशियों की अति सम्मान है हिन्दी
चलो फिर से सभी मिलकर नया इतिहास रचते हैं
सभी भाषा से ऊपर ही सदा भगवान है हिन्दी
कभी मीरा कभी तो श्याम लगती है
वतन के सुर्ख चेहरे पर खिली मुस्कान है हिन्दी
चलो मिलकर सभी सारे मिलें फिर सीख लेते हैं
रहेगी अब नहीं देखो कभी वीरान है हिन्दी
क़सम तुम अब सभी खा लो,कभी मुखड़ा ना मोड़ोगे
हमारी और तुम्हारी,सभी की शान है हिंदी-
यादों की गठरी सब साथ लिए चलते हैं
सभी बिछड़ों की याद में ये दिन गुज़रते हैं
अष्टमी तिथि का श्राद्ध
ॐ पितृ देवाय नमः 🙏🏻
14/09/2025-
हिन्दी है स्वाभिमान हमारा
हिन्दी हैं अभिमान हमारा
सारे जगत पर राज करे
ऐसा हो संकल्प हमारा
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दिल की पाती 🩷विरहणी की क़लम 🖊️
बाँट निहारत विरह वेदिनी
जब भी पिया पधारेंगे
क्या होगी स्थिति मन की
कैसे हृदय सम्हालेंगे !
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हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ🌹🌹
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अक्सर जो दिल के
आईने से झाँकता है
क्या किसी के दिल का
फ़क़त अहसास है
या चुपके से आकर
ख्यालों में कुछ कहता है
शायद मौन भावना
अवचेतन मन से बाँटता है
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सगे सम्बन्धियों का इस संसार से जाना !
सबको रुला जाता है उनका चले जाना !!
सप्तमी तिथि का श्राद्ध
ॐ पितृ देवाय नमः 🙏🏻
13/09/2025-