वो देख कर हमको किनारा कर गए
ज़िंदगी में हमको बेसहारा कर गए
हमने लाख कोशिश की रोकें उन्हें
ईद के चाँद को डूबता सितारा कर गए
रंज ओ ग़म किसको नहीं है जहान में
ठुकरा कर उल्फ़त हमें ना गवारा कर गए
जिसे गम गुसार मान हम तो जीते रहे
तन्हा छोड़ हमें वो फिर बेचारा कर गए
उनकी दी चोटों पर ख़ुद ही लगा मरहम
उनके नाम का हम कफ़्फ़ारा कर गए
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लेकर दीवाने तेरे दिल की कश्ती
कहाँ जा रहे हो मोहब्बत की बस्ती
वहां पर कोई ना किनारा मिलेगा
डूबोगे फिर ना सहारा मिलेगा
जिनकी मोहब्बत में तुम चल पड़े हो
वहां पर ना उनका इशारा मिलेगा
जब लगाओगे इल्ज़ाम उनकी वफ़ा पर
दोष तुमको ही सारा का सारा मिलेगा
खोया हुआ वक़्त इसकी गली में
ना मेरा मिला, ना तुम्हारा मिलेगा
उनकी मोहब्बत के बदले महज़ एक
कफ़्फ़ारा मिला और कफ़्फ़ारा मिलेगा
कफ़्फ़ारा मिला और कफ़्फ़ारा मिलेगा-
Jab Bikhre Ga Tere Rukhsar Par Teri Aankhon Ka Paani...!!!
Tujhey Ehsaas Tab Hoga Muhabbat Kis Ko Kehty Hein...!!!
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TUM JEET GAYE HUM HAARE
HUM HAARE AUR TUM JEETE
TUM JEETE HO LEKIN
HUMSA KOI HAARA NA HOGA
MERE DIL KI DIL SE TAUBA
DIL SE TAUBA MERE DIL KI
DIL KI TAUBA, AYE DIL
AB PYAAR DOBARA NA HOGA.-
Tumhe humse badh kar duniya, duniya tumhe humse bah kar ....(.2)
Humko tumse badhkar koi jaan se pyaara na hoga ......
Mere dil ki dil se tauba , dil se tauba mere dil ki.....(2)
Dil ki tauba ae dil ab pyaar dubaara na hoga ......Tu bol kaffara kya hoga ....(2)
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कोई पूछे दिल तोड़ने का कफ्फारा क्या है,
ये बताओ की मौत के बाद गवारा क्या है।-
मजबूरियां भी इंसां से क्या कुछ करा देती हैं
जहां न भी झुकना हों, वहां भी झुका देती हैं।
गिर जाता है स्वाभिमान बेशक
जब उठाती है मजबूरियां
तो इंसां का ओहदा बड़ा देती हैं।
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Maan Lo Bint_e_Havva Barabar Shareek Hoti He....!!!
Kaffara_e_Ishaq Faqat Ibn_e_Aadam Pe Nahin Aata....!!!
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Har Shabd bekrr lageega
Jbtk uske peeche ka vakyaa na pta chale
Har lamha dushwaar rahega ..
Agr hm gunaah ka kaffara na de sake!-
चाहती हूँ में भी देना कफ़्फ़ारा अपने गलतियों का,
उससे इश्क़ करना किसी गुनाह से कम थोड़ी था...-