Ek umr ki baat kar ke ek umr ko keh rahe the....
Zindagi ki kitaab mein ek aur kahani jod rahe the....
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अगर मैं रूठ जाऊं तो ......,
बस एक कप चाय पीला देना.....
उसमें जरा सी अपने हाथों की खुशबू मिला देना ......
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My life is on the right path...
There is a way, but there is no desire to walk.....-
रास्तों से अनजान होकर भी उन्ही रास्तों पर चली थी ....,
जिस मुसाफिर को उन रास्तों पर ढूंढा करती थी मैं....
वो तो मेरी देहलीज पर ही खड़ा था.....-
हमारी तो शुरुआत ही नहीं होती इसके बिना .....,
और आप हमसे छोड़ ने की बात करते है ...
हम तो चाय के दीवाने हैं जनाब.....
हमारी तो मोहब्बत भी इससे और चाहत भी इससे है......-
अब तक जिए थे ख़ामोश रहकर सबके लिए ....
अब खुद के लिए जीना है आजाद होकर ....-
हमारी चाय से कुछ इस तरह मोहब्बत है .....
लोग मयखाने में दिखते हैं अक्सर बेवफ़ाई में....
और हम हाथ में चाय लिए दिखते हैं तेरी जुदाई में.......
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पहाड़ की चोटी पर उतरने से....,
पहाड़ पर चढ़ने का तजुर्बा नहीं भूलता.....
जिंदगी पहाड़ की चढ़ानो पर मिलती है चोटी पर नहीं.... क्योंकि जिन्दगी के तजुर्बे चढानो पर ही होते है
जो चोटी पर पहुंचने के लिए अग्रसर करते है .......
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जब मैंने अदब से लिखा मेरे कन्हैया का नाम.......
तो .....
कलम भी बोला चल ही गए अब तेरे चारो धाम......
।। जय श्री कृष्ण।।
।। राधे राधे।।-
अंधेरों में ही रहने के फैसले किए....,,.,
तो रोशनी में आके ये मन कहां लगे....
है इतनी बार टूटा यकीन अपनों से ...,,,.,,.
तो ऐतबार किसपे नजर ये फिर करे...-