आओ चलो फिर एक मोमबत्ती जलायें
सोशल मीडिया पर इंसाफ की मुहिम चलायें
इंसानों की दुनिया में हैवानियत से खुद को रुबरु करायें
हर बार की तरह व्यवस्था को दोषी ठहरायें
फिर एक बार कानून बदलने की गुहार लगायें
फिर एक 'गुड़िया' के यूं दूर चले जाने
पर खुद को शर्मिन्दगी महसूस करायें।
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हवस की भूख में
अन्धा वो वहशी,
भूल गया अपने मर्यादा
की सीमा को, माँ क्या
चाहे ऐसी संतान को,
जिसने खुशी के लिए
बेचा ईमान को,
फिर भी ये घूमते
हर मोड़, गली कूचे में,
भारी हो गई है धरती
भूखे भेड़ियों से.
शब्द नहीं, प्रतिकार चाहिए
ऐसे द्रोहियों से.-
कल आसिफा थी
तो आज टविंकल है
कल भी देश की इज्जत थी
और आज भी देश का मान ही है
फिर क्यु कुछ लोग इसे
लेकर जातिवाद फेला रहे है
चाहे अपराध हिन्दु करे
या मुसलमान,
और चाहें पिडीत का
कोई भी धर्म हो
अपराध अपराध ही होता हे
कोई भी जाती इसका
समर्थन नहीं करती
तो इसे जातीवाद का
मुद्दा ना बनाए
और सिर्फ इन्साफ के
लिए आवाज उठाए-
Wo gandi galiya, sadko par bikhari kachre ke bich vo nanhi kaliya.
Ye desh ka asal chehra nhi, ye desh puri tarah aazad nhi.
Sadko par akela chalna munasub nhi lagta, khauf ka pahra har dil me he palta.
Jaha ladkiya ghungat me bhi safe nhi, ye desh puri tarah aazad nhi.
Bharstachaar lipataa hua he, har aadmi peso tak simtaa hua he.
Yaha samaanta ka koi mol nhi, ye desh puri tarah aazad nhi.-
इस संसार की
हर बेटी प्यारी है
चाहे वो हमारी हो या तुम्हारी
इज्ज़त लुटने वालो को
फांसी की सजा होनी चाहिए
चाहे वो मौलाना हो या पुजारी..
#अलीगढ़ #JusticeForTwinkleSharma-
क़ातिलों को ज़ख्म एक नहीं हजार दिया जाए
जल्द ही उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाए
फाँसी से भी बढ़कर कोई सजा हो तो मिले
नहीं तो बीच सड़क पर गोली मार दिया जाए-
इस जिंदगी से बेहतर...माँ के कोख में दी जाने वाली मौत ही थी;
कम-से-कम बेजुबान रूह को तार-तार तो नहीं किया जाता था।।-