"हम लेके रहेंगे आज़ादी"
नारे लगते है तब पथ पर,
सर्वस्व त्याग कर जब अपना
कोई वीर खड़ा है सरहद पर ।
"भारत तेरे टुकड़े होगें"
स्वर से शहीद अवगत होते,
ऐसे भारत की ख़ातिर तब
वो हरगिज़ प्राण नहीं देते ।
"अफज़ल की मौत से शर्मिंदा"
होकर हुजूम ले निकले जो,
उचित नहीं है किन्चित भी
अब हिन्दुस्तानी हित में वो।।
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'विज्ञान' करोगे भी तो कैसे? ये करने न देंगे तुमको।
'ध्यान' करोगे भी तो कैसे? करने न देंगे तुमको।
किन्तु ध्यान रहे, 'ध्यान' का 'विज्ञान' जाना है तुमने। व्यर्थ न जाने पाए।
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सत्ता नशा का ख़ूब है देखा नहीं अख़बार में?
क़ीमत यहाँ सबकी लगी तुम जान लो बाज़ार में।
दंगे कभी गोली कभी आंसू कभी इज्जत कभी,
तुम सोच लो क्या रह गया बच कर यहाँ संसार में।
कल रात की ही बात है जब ख़ूब हो हल्ला हुआ,
बस खून था बिखरा पड़ा उस ज्ञान के भंडार में।
यह ठीक है तुम जिस किसी भी पक्ष के होकर रहो
पर खोल कर चोला चलो सब न्याय के दरबार में।
पहले रखो तुम देश को यह बात मेरी मान लो,
ऐसा नही है देश कोई ढूँढ लो संसार में।-
सब मर रहे हैं
खुद को बचाने के लिए...!
देश मर रहा है
सब को बचाने के लिए...!-
Humare jakham ka ilzam q kisi ko do
Hukumat jahilon ki hai ilzam hami ko do-
जाग ओ काली इस दुनिया ने फिर तुझे ललकारा है,
कुछ नामर्दों की टोली ने तेरी बेटियों को मारा है।-
सच पर्दे में रखो,झूठ को नंगा करा दो
यार चुनाव आ रहे है कोई दंगा करा दो
~ तुष्टिकरण की राजनीति
📝PIYUSH SONI
@thepoetrytown
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है राज़ यही हमराज यही
दिखती न्याय की आग नहीं
जो सच बोलने की हिमाकत रखता है
वो इसी तरह मरवाया जाता है ,
वो इसी तरह मारा जाता है !!!
है राज़ यही हमराज यही !!-