Dishant Boora   (दिशांत)
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एक बच्चा काग़ज़-ओ-क़लम लेकर बैठ गया है साहित्य की दुनिया में..
Joined 11 June 2019


एक बच्चा काग़ज़-ओ-क़लम लेकर बैठ गया है साहित्य की दुनिया में..
Joined 11 June 2019
11 NOV 2023 AT 7:05

In the movie "Joker" ..
he 'trumped' presidential election
and made chaos in Gotham City..

"joker 2" coming soon in 2024...

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10 AUG 2023 AT 12:32

देखो देखो दस चहरों वाला राजा आया
फिर साधु का वेश इसने बनाया.
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इलेक्शन का त्यौहार में मचाई पुराने माया..
मीडिया मारीच बन तुमको भटकाया..

धर्म के नाम पर नफरत फैलाया
भड़काकर आपस में दंगा करवाया..

उपरांत अपने दसों मुंह से खूब खाया
गरीबों के रक्त से सब पचाया..

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1 AUG 2023 AT 7:14

किताब का एक सफ़ा दूसरे से मिल गया..

चट्टान से गिरी वो..
पर उसकी बुलेट पे तख्त मिल गया..
अंधेरे में उसे अख्तर दिख गया..
शाम-ओ-सेहर उसकी सोहबत में बीत गया..
उसकी आंखों का अश्क इसके गालों से बह गया

लंबे बालों वाली को लंबे दाढ़ी वाला मिल गया..

किताब का एक सफ़ा दूसरे से मिल गया..

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30 MAY 2023 AT 20:55

रोज़ रोज़ मोहब्बत की लो से क्यों जला रहे हो...
अंधेरे में जगा ..दिन में क्यों सता रहे हो...
आशिक हैं तुम्हारे और भी..
तो फिर मेरा कफन क्यों छुपा रही हो...

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8 AUG 2022 AT 20:30

से झांकती वो
अपने अंधेरे कमरे से..
सूर्य अस्त देखनी की चेष्टा करती
छुपके छुपके छोटी से एन्ना फ्रैंक बच्ची वो..
छुपी हुई किसी कोने में
हिटलर की दहशत से बचने में..

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16 JUL 2022 AT 15:05

बस झुकाने वाले वक्त की सुनामी के समक्ष खड़ी मैं ढीढ़ हूँ
मैं ठीक हूँ..

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13 JUL 2022 AT 19:25

और टूटना है
तेरी यादों में कांच सा बन बिखर जाना है
इतना तड़पना है
कि इस हालत को अपनाना है
कत्ल ऐ कातिल से नए नजरिए को स्वीकारना है
अश्कों को अंधेरे में छोड़ दिन में मुस्कुराना है
मदिरा को त्याग अब मेहनत को गले लगाना है
कर्म को ही जीवन बनाना है..

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10 JUL 2022 AT 10:19

जब इंदन के अभाव में चूल्हे न जले , तो प्रधान मंत्री के घर जला देती हैं
जब भूखी जनता को अनाज ना मिले, तो वो राजाओं की कुर्सियां खा जाती हैं

यह प्रजा है प्यारे जब खुश तो माधे पर बिताती है
जब तड़ेपेगी तो बगावत की बारिश ओ बाढ़ में सभी को बहा लेती है..


श्री लंका का दृश्य नया नहीं है
यह इत्र इतिहास का, फीका नहीं है..

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11 MAY 2022 AT 15:54

तो सिर ना झुकाओ
लगाकर इत्र इसे मनाओ
नासमझ समाज है
इसका तिरस्कार जो करता
यह तो सदैव स्मरण करनेवाली सिख सौंप जाता

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21 MAR 2022 AT 20:31

I have created walls of isolation so close to each other..
I feel I am dying out of suffocation..

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