Maa ki tarah koi khayal rakhe yeh to bas khayal he hoskta hain❤💯
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मैं अगर घाव से भरा हूँ तो वो दवा है मेरी,
मैं कही मरने को पड़ा हूँ तो वो दुआ है मेरी..!!-
तू जन्नत की ख्वाईश मे दर - बदर फिरता है,
उसे पाने के लिए तू अपनी किस्मत से भी लड़ता है....
एक दफा समेट कर तो देख खुद को अपनी माँ की बाहों मे,
फिर देख तुझे कितना सुकूँ मिलता है.........
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देख के सपने में उनको, चेहरे पर मुस्कान है छाई,
मैं गोद में रख लेता हूँ सर, देख के माँ की परछाई।
इस जीवन में सबसे आला, बस माँ का ही प्यार है,
वो ही मंदिर, वो ही पूजा और वही सारा संसार है।
डांटती है, मारती है, फ़िर प्यार से पुचकारती है,
जब देने जाओ कड़े इम्तिहान, तो बलाएं उतारती है।
बिन माँ के जीवन कैसे बीते, ये सोच के जी घबरा जाता है,
जिनकी माँ नहीं होती है, उनका जीवन कैसे गुज़र जाता है।
हर जन्म में मिले यही माँ, बस मेरी यही मन्नत होगी,
जो धोके पी जाये माँ के चरण, उसको नसीब जन्नत होगी।
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वो अगर इजाज़त ना दे तो कहीं जाना नहीं
अर्श हिल जाता है माँ को कभी रुलाना नहीं-
घर हो जाये सूना सा बाहर जो चली जाये मॉं
फिर घर भरा लगे है वापस घर जब आये माँ
सारे नख़रे उठा लेती है रोज़ हमे मना लेती है
हम सहम जाते हैं जो सिर पर हाथ फेराये माँ
सारे दुःखडे सहती है देखके हमे ख़ुश रहती है
हँसती सूरत ही दिखाये आँसू मगर छिपाये माँ
ये ना खाना वो ना खाना और फिर रुठ जाना
पर कुछ भी खा लेते हाथों से जो खिलाये माँ
नीचे माँ का आँचल है ऊपर अब्र की छाया है
नींद हाज़िर हो जाती है जब सीने से लगाये माँ
साजिद तेरे बस की नही हक़ अदा जो तू करदे
हाज़िर-ए-ख़िदमत हो जाना जो तुझे बुलाये माँ-
मेरी माँ के होठों पे जब कभी हसीं खिलती है
यक़ीन मानो मुझे दुनिया बड़ी हसीन लगती है
वो जब सर पे , हाथ रखकर मुझे देती है दुवाएं
दुनिया की हर मुश्किल बड़ी आसान लगती है
और मैं जब भी जाता हूँ सफ़र पर कभी तनहा
मेरी माँ की दुवाएँ मुझको साये सी लगती है
वो आँखों की जुम्बिश से दर्द को जान लेती है
उसे औलाद को पढ़ने मैं कहाँ देर लगती है
मेरे बीमार होने पर इक पल भी नही सोती
रोता देख बच्चे को कब माँ को नींद लगती है
कभी जब आँख लगती है , माँ की गोद में मेरी
तो मानो रूह मेरी बाग़-ए-जन्नत टहलती है-
नवोदय
हम सात बरस क्या उनमें बसे
वो ताउम्र अपना बना गये....
बंद पिंजरे में भी रखके हमें
ऊँची आसमां मे उड़ना सीखा गये....
लाख नवाज़िश देते हम उन्हें
जो हमें इस क़ाबिल बना गये....
चार दीवारी में भी रखकर
हमें जन्नत की सैर करा गये....
जहां भी गए, जिससे भी मिले
हम गर्व से "हमीं नवोदय हो" कह गये....-
Aakhir Kab tak saath deta hai koi
Jeete jee sab kaam nikalwaate hai
Marne ke baad ...thoda rokar
Tumhe -----"achi thi " bolkar
Apna dil behlaate hai......
Le chal maa mujhe apne saath
Koi nahin yahaan .....
Dil ki baatein kar lenge jannat main
Bahut kuch batana baaki hai abhi🙏🙏🤲-