QUOTES ON #JAISHANKARPRASAD

#jaishankarprasad quotes

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15 NOV 2018 AT 8:48

जयशंकर प्रसाद
30 जनवरी 1890 से 15 नवंबर 1937

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29 MAY 2020 AT 21:39

" सुन रे अलि..! "
श्रंगार रस से पूरित कविता
Impressed By
Kavi Jai Shankar Prasad 😜

COMPLETE IN CAPTION...
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28 FEB 2021 AT 11:34

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11 MAY 2022 AT 10:00

असंभव कहकर किसी काम को करने से पहले, कर्मक्षेत्र में काँपकर लड़खड़ाओ मत।

जयशंकर प्रसाद

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15 NOV 2021 AT 6:35

अद्भुत शब्द-शिल्पी, साहित्य की अनेक विधाओं के मूर्धन्य विद्वान, अपनी कालजयी रचनाओं के माध्यम से वैश्विक साहित्य जगत में हिंदी साहित्य को नई ऊंचाइयां दिलाने वाले महान साहित्यकार एवं युग प्रवर्तक लेखक जयशंकर प्रसाद जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि।
आधुनिक हिन्दी साहित्य के इतिहास में इनके कृतित्व का गौरव अक्षुण्ण है।
🙏💐प्रसाद जी को कोटि-कोटि नमन💐🙏
✍️Vibhor vashishtha Vs

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रो-रो कर सिसक सिसक कर,
कहता मैं करुण कहानी,
तुम सुमन‌ नोचते सुनते ,
करते जानी अनजानी।।
प्रसाद जी

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15 OCT 2020 AT 16:51


इस करुणा कलित हृदय में
अब विकल रागिनी बजती
क्यों हाहाकार स्वरों में
वेदना असीम गरजती?

मानस सागर के तट पर
क्यों लोल लहर की घातें
कल कल ध्वनि से हैं कहती
कुछ विस्मृत बीती बातें?

.........आंसू ( जयशंकर प्रसाद )

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15 NOV 2018 AT 11:27

काश़ कि पता होता उस रोज़,
जब बिछड़ी थी हमारी राहें...
कि एक झलक भी नसीब में नहीं है,
चाहे जितनी भी भर लें आहें...
मगर अब भी ज़िन्दा है दोस्ती हमारी,
मिलने की आस अब भी है ज़ारी...

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11 JUL 2022 AT 22:42


"कामायनी"

हिमगिरि के उत्तुंग शिखर पर,
बैठ शिला की शीतल छाँह
एक पुरुष, भीगे नयनों से,
देख रहा था प्रलय प्रवाह।

नीचे जल था ऊपर हिम था,
एक तरल था एक सघन,
एक तत्व की ही प्रधानता,
कहो उसे जड़ या चेतन।


- जयशंकर प्रसाद

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8 MAR 2020 AT 1:38

क्या कहती हो ठहरो नारी
संकल्प अश्रु-जल-से-अपने
तुम दान कर चुकी पहले ही
जीवन के सोने-से सपने

नारी! तुम केवल श्रद्धा हो
विश्वास-रजत-नग पगतल में
पीयूष-स्रोत-सी बहा करो
जीवन के सुंदर समतल में

देवों की विजय, दानवों की
हारों का होता-युद्ध रहा
संघर्ष सदा उर-अंतर में जीवित
रह नित्य-विरूद्ध रहा

आँसू से भींगे अंचल पर
मन का सब कुछ रखना होगा
तुमको अपनी स्मित रेखा से
यह संधिपत्र लिखना होगा

- जयशंकर प्रशाद (कामायनी से)

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