इतफाक-थी-मोहब्बत
इतफाक से मिले दोनों,
मुलाकातो से करीब होने लगे,
नजरे उसको ही ढूंढती थी,
नज़र चुरा भी रहे थे,
दिल मे था जो प्यार बड़ी मुश्किल से छिपा रहे थे।
एक दूसरे के लिए कसमे - वादे खा रहे थे,
दिल की तसल्ली के लिए मिलने के बहाने ढूँढे जा रहे थे।
शायद रास ना आई ये बात किस्मत को जो दूर होने लगे,
भूल कर एक दूजे को अपनी जिंदगी मे मसरूफ होने लगे।
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