वक़्त बदल गए,
अल्फ़ाज़ बदल गए,
रिश्ते आज भी हैं,
पर उनके मायने बदल गए।
लोग वही हैं,
बस लोगों के किरदार बदल गए,
जो कल तक अपने थे,
आज उनके अंदाज़ बदल गए।
इस बदलते वक्त के साथ,
हम बदल गए,तुम बदल गए।-
सपनों में भी हम बस आपका ही दीदार करते हैं।
आपकी कदर और फ़िकर बेशुमार करते हैं
शब्दो में पिरो नहीं हो सकते आपकी तारीफ़े,
आपको, हम आपसे भी ज़्यादा प्यार करते हैं।-
एक दोस्त बनाने में मुझे ज़माने निकल गये,
अरसो बाद इश्क हुआ किसी से तो वो बेगाने निकल गये।
इज़हार करने की कोशिश की तो लबो से सिर्फ बहाने निकल गए,
मैं खड़ा रह गया उसी मोड़ पर इंतजार करते हुए और सब मुझे छोड़ आगे निकल गये।
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मौसम बचपन के
जब फिकर न थी कल की,
और चैन से सोया करते थे।
हर सुबह खिलखिलाती थी
हम सुकून से जीया करते थे।
मां के हाथों से खाया करते थे,
कद ना था उतना पापा के कंधो पर मेला घुमा करते थे।
खेल-खेल कर थक जाते मां के गोद में सो जाया करते थे,
जब दादी और नानी रोज किस्से सुनाया करते थे।
बस नाम की दोस्ती ना थी वो,
हर शाम साथ बिताया करते थे।
इस आधुनिक ज़िंदगी से परे दिन थे,
वो मौसम बचपन के हुआ करते थे।
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वक्त के साथ तु कितना दूर हो गया है
कल तक पास था मेरे आज न जाने कहा खो गया है
साथ में जो आशियाना बनाया था हमने
तेरे गैरहाजिरी में चूर-चूर हो गया है ।-
people will forget your thousand good deeds,
But, they will keep reminding you of your one mistake for the next thousand days.-
अंजाने मोड़ पर एक अंजान मिला,
मुलाकात हुए और दोस्त बन गए।
चलता रहा वक्त, दोनो यारी की मिसाल बन गए
एक दूसरे की पहचान बन गए
वक्त ने उसी मोड़ पर फिर ला खड़ा कर दिया
जहां अंजान थे और अंजान बन गए।
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दिल में छुपा के गम खुशी की दास्तां सुनाते हैं,
भूल चूके है तुझको ये हर रोज खुद को याद दिलाते हैं।-
छिपा लो तो ख्वाइश कहते है,
बता दो तो नुमाइश कहते है,
अपने ज़ज़्बातों को नहीं बताता फिरता हु
शायद इसलिए लोग उसे साजिस कहते है।
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