जहाँ इश्क़ है,
वहाँ एक शायर तो मरा ही होगा|— % &-
इश्क़ है तो इश्क़ कर, जज्बातों का कारोबार मत कर
हर रोज एक नए शख्स से यूं आंखें चार मत कर
होंगी कुछ खूबियां उसमें जो तूने पसंद किया था उसे
किसी और की खूबी से उसकी खूबियां बेकार मत कर
इश्क़ तो पवित्र है सदा से ही, अपवित्र तेरी सोच है
अपने शौक के खातिर इश्क़ को दाग़दार मत कर
एक अलग ही सुकून होता है, किसी की आगोश में
हर किसी का माथा चूम कर, सुकून का व्यापार मत कर
दिल तो बस एक जरिया है किसी को जुनून बनाने का
उस मासूम से बेचारे दिल को ज़ार ज़ार मत कर-
सुनो, तुम सिर्फ़ मेरे हो, तुम्हें कोई और देखे ये हमें बिल्कुल भी गवारा नहीं
मोहब्बत हो तुम हमारी, हर लड़की तुम्हें देख के मुस्कुराए ऐसे तुम कोई कैमरा तो नहीं..
-
कौन कहता है जनाब , इज़हार-ए-इश्क़ सिर्फ़ लबों से हीं होते हैं
हमारी तो धड़कनें रुक सी जाती है , जब वो अपने निगाहों से इक़रार करते हैं...
-
अपने आँखों से कहो मुझे ऐसे देखा ना करे
बेवजह यूँ हमेशा ये दिल धड़काया ना करे..
-
तुमसे बात किए बिना मेरी सुबह शुरू हीं नहीं होती
तुमसे बात करते वक़्त कभी चेहरे से हँसी हीं हटती ...
-
इश्क़..में जब कोई कलंदर हो गया,
आँखों से बहा कतरा भी समंदर हो गया..!-