तुझमें ढलने का इरादा तो नहीं था,
जीते जी मरने का इरादा तो नहीं था।।
तेरे बाद भी तू बाक़ी है मुझमें कहीं,
वरना जीने का इरादा तो नहीं था।।
ख़ुद को आईने में देखा तो हँसी आई,
वरना हँसने का इरादा तो नहीं था।।
जाम होठों से लगा थोड़ा सुकूँ मिला,
वरना पीने का इरादा तो नहीं था।।
अब ख़ुद के लिए भी जीना है "मेघा",
वरना चलने का इरादा तो नहीं था।।-
जब ख्वाहिश हो आग से लड़ने की तो मौत और जंग से क्या डरना
इरादे हो मजबूत होंसले हो बुलंद तो रूकावटो का डट कर सामना करना
हमने तुमसे प्यार किया कोई गुस्ताखी नही जब ठान लिया हमने तुम्हे पा कर ही रहना
तो दुनिया और संघर्ष से पीछे क्यो हटना।।।-
Tere jane ke baad,,
Tumhe bhul jayenge ye hamara waada rahega...
Irado se bhi ye irada rahega...
Or yekin hai khud pe,,
Ki khush haal meri jindgi tujhse jada rahega...-
مجھے چھوڑنے کا ارادہ کر لیا
اب اور کس سے وادا کر لیا
ساری دنیا کا پیار مجھے دیکر
اسے کیسے مجھسے زیادہ کر لیا
मुझे छोड़ने का इरादा कर लिया
अब और किससे वादा कर लिया
सारी दुनिया का प्यार मुझे देकर
उसे कैसे मुझसे ज़्यादा कर लिया-
"Tujhse dur jaane ka irada to n tha...
Par rukte bhi kaise tu jo humara n tha...!!!"-
"इरादा दिल का"
गुजरता हूँ तेरे शहर से तो अब वक़्त थोड़ा ज़्यादा सा लगता है,
ठहर जाता है दिल मेरा,रुकने का इसका इरादा सा लगता है।
कुछ तो मोह्हबत सा घुला है तेरी गलियों के इन हवाओं में,
रह गया हो अधूरा जैसे ,किया हुआ कोई वादा सा लगता है।
रो देता हूँ अब अक्सर तेरे संग बिताया हर वो पल याद करके,
तेरे बगैर जीने की कोशिश में ,जीवन मेरा आधा सा लगता है।
मेरे सफर का हर रंग तो बस तेरे साथ होने से निखरता था,
हासिल करता हूँ कोई मकाम , तो भी बाधा सा लगता है।
थक सा गया है हर भौरा अब बगीचे के उदासी में उलझकर,
बागों में फूलों का खिलना भी ,अब तो सादा सा लगता है।-
पसीने की स्याही से जो लिखते हैं अपने इरादों को,
उनके मुकद्दर के सफेद पन्ने कभी कोरे नहीं होते !
समय लगता है उस आसमा को छूने में मेरे दोस्त ,
बाज की तरह हर पंछी उस उड़ान को भर नही सकते!!-
Aye ibn-e-aadam!! Tu ek achcha faisla kar le .....
Khud ko insan banne ka iradah kar le....
اے ا بن-آدم !! تو اک اچھا فیصلہ کر لے....
خود کو انسان اب بنانے کا ارادہ کر لے.....-
लगा लेना काजल अपनी आँखों में जरा,
ख्वाब बनकर दाखिल होने का इरादा है मेरा !-
जिसे निभा ना सकू, ऐसा वादा मै नही करता
बाते औकात से अपनी ज्यादा मै नही करता
भले ही तमन्ना रखता हु आसमान छू लेने कि
लेकिन औरो को गिराने का इरादा मै नही करता 💞-