Es Shehar Me Ek Humsufer Na Mila
Hzaro Khwaishe Thi Puri Na Ho Ski
Hum kiss batt ka Gham Kare Ki Wo Hame Na Mila?
Zindagi Mai Gham To Wo Kare Gah Jise Hum Nahi Mile.-
कैफे वाली लड़की...
एक बड़े से शहर के,
खूबसूरत चौराहे पर,
साँकरी गली के पीछे,
मशहूर कैफे के अंदर,
सबसे आखरी कोने में,
मद्धम रौशनी में नहाए,
चमकते टेबल पर हाँथ रखे
गर्म कॉफी को घूरते,
अजनबी सी वो लड़की..
जाना पहचाना इंतज़ार,
कॉफी के ठंडा होते ही,
खत्म होती है, उम्मीदें,एक डायरी, बोहत कुछ....💐-
Ishq ke khel me teri rooh tak utarna hai mujhe,
Teri dil ki zameen par ta-umar barasna hai mujhe....
Muntazir nhi hu me iss bheed me,
Magar phir bhi teri mohabbat-e-ishq ka muntazar hai mujhe....-
एक काम करो बता दो के कब आओगे,
तुम्हारे इंतज़ार के अलावा जिम्मेदारिया और भी है..!!!-
रात के इंतज़ार में सुबह से मुलाकात हो गई
शायद कल की वो शाम ढलना भुल गई
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उन दिनों वो इन्तज़ार भी हसीन लगता था जनाब,
अब तो उनके आने की उम्मीद भी खत्म हो गई ।-
Mohabbat Mein Yakın Aur Wafa Ki Ehmiyat Wajood Sy Bhi Zyada Hoti Hai.
Jaha Beyakini Aur Bewafai Ho Waha Mohabbat Ka Tasavvur Bhi Nahi Kiya Ja Skta.-
वो वक़्त न जाने कहाँ पर मिला जिस पल में कभी वो अपना था
जब आँख खुली तो एहसास हुआ वो हक़ीक़त नहीं एक सपना था-
बादलों का सुकोमल बिछौना दिखा.....
आंखो ने किया इंतज़ार, पर तू ना दिखा.....
अब चैन और सुकून छीन मेरी गई.....
हां शालू , फिर रात आ गई ......
विश्व प्रांतर में भटकने वाले पंछी.....
घोसले की ओर अग्रसर हुए......
इंतज़ार करते- करते नैनों से.....
फिर अश्रु मेरे बह चले.......
पत्ते - पत्ते पर शबनम के कतरे ......
देखो कितने बिछ गए.....
वो शाम सुहानी याद आ गई.......
फिर से तन्हाई छा गई.......
उफ़ शालू, फिर ये रात आ गई......
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हर वो लम्हा मैंने संभाला
जो तेरे साथ बिताया
तेरी यादों को कभी
खुद से जुदा ना कर पाया
वादा किया था तुमसे
इन आंखों मे कभी आंसू नहीं लाया
देखी आज तेरी तस्वीर
खुद को रोक नहीं पाया
आज मैं बहुत परेशान हूं यार
कैसे करूं तुझसे बात
क्यों करती हो नफरत इतना
अब तो माफ कर दो यार
भुला कर सारी गलतियां लौट आओ मेरे पास
तेरे मिलने से संवर जाएंगे मेरे हालात
Miss you बहुत सारा, गुड नाईट टेक केयर यार-