बारिश की वो पहली बूँद,जब उनका आखिरी पैगाम याद आया।
हमें हमारे बेवफा होने का इल्ज़ाम याद आया।।
हँसी आ गयी मोहब्बत की पुरानी बातें सोचकर,
फिर आँखें भर आईं,जब इश्क करने का अंजाम याद आया।।-
उनकी मोहब्बत मे हम यूँ बदनाम हुए,
हमारे ही किस्से सरेआम हुए,
कहा तो उसने था कि भगा ले चलो मुझे,
मगर हमारे ही ऊपर उन्हें भगाने के इल्जाम हुए..!
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Itni Si Zindagi Mein khwab Bahot Hai,
जुल्म Pta Nhi Par इलज़ाम Bahot Hai....
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तुटा अगर तारा ,
तब सिर्फ मांग लू रब से तुमको ।
मोहब्बत हो जाए ऐसी ,
की तेरे सिवा ना चाहू किसी और को ।।
औरो को देखकर मेरा जी ,
अब नही भर पाता ।
कैसी ये मोहब्बत...
सिर्फ दोस्त है हम..??
या फिर प्यार का है कोई गेहरा नाता ।।
प्यार की तलाश मे ,
हो जा रहे हम अंधे ।
कहा पाऊ अब सच्चा प्यार ,
याहा तो प्यार मे हो रहे है काले धंदे ।।
हो रहे है ऐसे काम ,
प्यार का हो रहा नाम बदनाम ।
कुछ कर जाते है कोई ,
और किसी पे लग जाता है गलत इल्जाम ।।
(Shubham Deøkar)-
Lagaye ajj bhi hain
Kai iljam duniya valo ne
Pr jane kyu ab bedag rhne k liye
Baar baar apni safai pesh krna
Jaayaj saa nhi lagta-
जी चाहता है कि ऐसा इल्जाम लगा हूं
कि तुम कातिल हो,
मासूम चेहरे पर कौन यकीन करेगा।-
रास्ते सारे गम के अपनी तरफ मोड़ लेता हूं।
तू बस इक इशारा कर दे मैं तुझे छोड़ देता हूं।।
मेरे "महबूब" न ले तू इल्जाम अपने सर पे,
इक दिल ही तो हैं मैं इसे ख़ुद तोड़ देता हूं।।-
सोची थी कभी नही करुगी प्यार,ये करदेती है बरबाद...
पर किस्मत तो देखिये
प्यार हुआ भी बेहिसाब ,दिल भी टुटा,टुटे जज्बात....
और इल्जाम भी आया हमारे ही हाथ꫰꫰꫰💔
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ये जो अरसों बाद, इल्जाम लगे हैं...
तो हां शायद वो गुनहगार मै ही हूँ.......
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इतने इल्ज़ाम लगाते हो तुम मुझ पर जरा दिल पर हाथ रखकर कहना...
कि यह बात बिल्कुल सच है....!!!!!!-