ωααqιƒ нσση " нυzσσя " мαιη внι ααρкє " кιя∂ααя " ѕє
αв тαℓααѕн нαι ιк вєнтαя ѕнαкнѕ кι вєнтαя zιη∂αgι кє νααѕтє
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واقف ہوں " حضور " میںں بھی آپکے " کردار " سے
اب "تلاش" ہے اک بہتر "شخص" کی بہتر "زندگی" کے واسطے
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मोहब्बत के वो लम्हें वो केसे भूल पाएगा
प्यार अगर सच्चा होगा वो जरूर लोट कर आयेगा।-
अपनी नीयत में थोड़ा ईमान रखो हुज़ूर,
क्यों इतने हो बेचैन, इत्मीनान रखो हुज़ूर।
क्यों झगड़ते हो आपस में, ज़रा-ज़रा सी बातों पर,
घरों में अपने, अम्न-ओ-अमान रखो हुज़ूर।
तुमसे मिलते ही हो जायें, सब तुम्हारे ही कायल,
मुँह में तुम अपने, ऐसी ज़बान रखो हुज़ूर।
इस्तेमाल से जिसके, घरों के घर उजड़ जाएँ,
तुम अपने पास न ऐसा सामान रखो हुज़ूर।-
मेरा सारा ग़ुरूर ले के गये।
मेरी आँखों का नूर ले के गये।
दे गये अश्क़ों का नज़राना मुझे,
दिल, जिगर जाँ, हुज़ूर ले के गये।-
Us shaks ki ummat ko mat sikhao
Ladkiyon ki Izzat karna.
Jinke wajaha se aaj ladkiyan zinda hai.-
"Huzoor"
Kendi Kuj Vi
Nai Aa Mere
Huzoor Magar
Kasam Khuda Di
Khel Har Ek Jaandi Aa-
Kisiko bhulaane ke liye
Na kisi ke pass jaya kijiye
Yeh jazbaat hai huzoor
Inka tamasha na banaya
Kijiye.-
आपकी नज़रें हैं, ये कोई आइना तो नहीं,
हर बार संवर सा जाता हूं, कहीं कोई कमी तो नहीं
बस यूंही अपनी मोहब्बत में ज़िंदा रखना,
आखिर मैं भी इंसान हूं, कोई फरिश्ता तो नहीं-