हम हर दिन जीते, जीने के लिए!♠️
तुम हर दिन मरते, मरने के लिए!!♦️-
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Khel Tass ka ho
Ya zindegi ka ,,
Apna Ikka tab dikhana
Jab samne wala
BADSHAA nikle ...!!!😎
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Ek Waqt Tha...
Jab Hum Sochte
The Ki Hamara
Bhi Waqt Aega
Or Ek Yeh
Waqt Hai Ki Hum
Sochte Hai Ki
Veh Bhi Kya
Waqt Tha...-
यहाँ कौन दुध का धूला हैं।
कौन कहाँ बहती गंगा में हाथ धोकर आये हैं।
हम सब जानते हैं।
वो जो कर रहे हैं आज कोशिश, हमें बेपर्दा करने की,
अपना दामन किस किस खूंटे पर छोड़कर आये हैं,
हम सब जानते हैं।
हम नादान बनते नही, हम हैं।
क्योंकि हमें अपनों में होशियारी नही आती,
वरना किसके तिलों में कितना तेल हैं।
हम सब जानते हैं।
ओर ये हुकुम का इक्का भी
कब-तक संभालेगा आपकी चाल को,
बनकर जोकर बाज़ी कैसे पलटी जाती हैं।
हम सब जानते हैं।-
जीत की बाजी की हुनर के साथ-साथ, कहां हारना है यह हुनर भी सीखना जरूरी है
My Thoughts Pj-
-: हुकुम का इक्का :-
महनत के बीज बोकर
महनत की फशल सजाता हु।
हां हुकूम का वो इक्का हू में
जिधर भी जाता हूं,
पूरी बाजी जीता कर
वापस आता हूं।-
Bazi Chahe zindagi 👤ki ho yah Phr tass ki hukum ka ikka ♠️Zabhi nikalna chaiye Jb samne badshash👑 ho.
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Baiya kuch ńa kahunga mein😌
Ćhal maan łiya ťu buttwaž
Baiya butt đekhne ke šhaukin Hai hum
Šamay -jagah btado ēk baaŘ
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Hukum ka ikka jab apne hath me hota h, to sala ye duniya to kya koi hukumat bhi hamara kuch nhi bigad skti.😎
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