नाराजगी तेरी नाराज होने का हक हमारा भी था।
वो तो खुदा है जिसने मुझे तुझे मनाने के लिये बनाया है।-
ये वक़्त बड़ा ज़ालिम, कमबख़्त गरीबों के आगे अपना रंग दिखाता है।
वर्ना किसी की जिंदगी सपनों की होती है, तो किसी की आँखों में सिर्फ सपना आता है।
किसी के नंगें पाब धूप में जलते है, किसी का भूखा पेट जलाता है।
किसी को कहते तेरी उम्र खेलने की, कही उसी उम्र का दूसरा खिलोने बनाता है।-
- तेरा मेरा इश्क़ -
हाँ सच है की
खामोशियों को थाम अपनी
ख़बाईशो मे तेरी में हामि भरता रहा।
परवाह न की अपनी
तू सही हो या गलत थाम तेरे
हाथों को साथ चलता रहा।
बेपरवाह हुआ परवाह मे तेरी
फिर भी क्यों मुकम्बल नाम तेरे
इश्क़ का पड़ा
हमारे इश्क़ का तो वेबजह ही
मजाक बनता रहा।-
- Fire Wings -
Sky is mine.
I know how to fly.
No one can stop me.
Because my strength is high.
Power is my crown,
and infinity is my power.
Don,t try to know about me,
because I am king
with wings of fire.-
- When I miss you -
When I miss you.
I see you everywhere.
I try to touch you.
But you are not there
I feel. who you are?
And how you are
important In my life?
But it,s true
My heart will not pump
without you.
You know you are cause
Of my breathing and also
My heart beat.
I can feel you.
When I miss you.
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आसमा दूर है बस नजरिये की बात है।
यू तो चांद तोड़ना ही मुम्किन नहीं।
वरना कुछ में सूरज तोड़ने की औकात है।-
बेजान पड़ी ज़िन्दगी की तुम जैसे एक धड़क हो,
या अंधेरी रात मे तुम कोई जगमगाता जुगनु।
छाव देता बादल हो तुम उस सुने आसमा मे,
या भटके हुए को राह दिखाती मंजिल की कोई सड़क हो।
इश्क़ हो तुम मुद्दतों से तरसे किसी आशिक की,
या गजल हो उस शायर की जिसने खाबों मे बसाया हो जहान।
तुम रहमत हो उस खुदा की जिसे मेने लाख मन्नतों से पाया है।
कीमती हो तुम मुझे लाख तारों से, क्योकि खुदा ने तुझे लिए मेरे बनाया है।
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-: मतलबी इश्क़ :-
दिल से किया इश्क़ लाचार नहीं होता।
ओर जो हुआ हो जिस्म से वो कभी प्यार नहीं होता।
समय है तो मिलो सुनते जाओ अपना सच।
तेरे मतलबी इश्क़ के लिये वेमतलब का अब
परचार नहीं होता।-
उस बस्ती मे हमारा ठिकाना है।
जहाँ तुफानो का रोज आना जाना है।
कुछ लोग घरों मे घुस जाते होंगे धूप को देखकर।
हमारी मेहनत भी ऐसी होती है, लगे जैसे
पानी मे आग लगाना है।
बताना है उस सूरज को की आग सिर्फ
उसमें नहीं है।
ओर दिखाना है उन लोगो को की जलाने की
हम भी औकात रखते है।-
कविला था सजा ठहरे हम मुसाफ़िर चल दिये।
राह न देखी कदम घिस दीये,
बादलो ने गर्जने की कोशिश की
हम बादलो पर बरस दीये।
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