1. Honesty
2. Trust
3. Support-
घर की पुरानी दीवारों में अब सीलन होने लगी है,
सुंदरता के साथ ये अपनी मजबूती भी खोने लगी हैं!!
संजो के रखा था अब तक ना जाने कितनी यादों को,
देख के कोने में वो संदूक टूटी, यादें भी रोने लगी है!!
ईट, पत्थर, चूने, लोहे, लकड़ी से बनाया था इसको,
टपकती छत, अब फर्श ख़ुद - ब - ख़ुद धोने लगी है!!
बचपन, यौवन, जवानी, बुढ़ापा सब देखा है यहाँ पर,
अब मौत के इंतज़ार में मेरी साँसें भी सोने लगी है!!
दु:ख, दर्द, व्याधि,थकान,अकेलापन सब देखा कुमार',
उम्र मेरी अब, इस शरीर और मकान को ढोने लगी है!!
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No matter how good
you are at something,
Eventually you will
end up taking a break
to hone yourself
And bloom again with
Your improved version..!-
उसकी मुहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब है,
अपना भी नहीं बनाती और किसी का होने भी नहीं देती....!!-
पहले अक्सर हमारी रातें जाग कर कटती थी......
अब उनकी रातें नींद में मसलन सी मैं पर पैर लाद कर सो जाने में कटती है।।-
यदि आयने के दीदार में कर लगता तो यकीन मानिए मै अभी कर्ज में डूब गई होती....
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क्या लिखूं तुझे अल्फाज में
बैठी है तु काले लिबाज में,
झुकाकर पलके फिर उठाना
हुई मुझे हलचल तेरे अंदाज में,
तेरी आंखों की चहलकदमी
मचाये शोर मेरे दिल के हिसाब में,
पहने जब तु ग्रीन कलर का सुट
लगे मुझे तु हरे भरे कबाब में..
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आज फिर से मुड़कर देखने का मन किया,
आज फिर से खुद से मिलने का मन किया,
ये बदली सी मैं कुछ रास नहीं आती,
आज फिर से ख़ुद सा होने का मन किया।।
@writersmesh-