अब तो ये लगता है कि बस मेरी एक मोहब्बत हीं थी जो ना गिन पाई तुम।
बाकी मेरी सारी गलतियों का तो बराबर हिसाब है तुम्हारे पास।
नहीं!!!...🤔🤔-
एक पैगाम, राहत के नाम
ये जिंदगी सवाल थी जवाब मांगने लगे,
फ़रिश्ते आके ख्वाब में हिसाब मांगने लगे,
शायद ऊपर भी लोग इसकदर आहत थे,
लगे हाथ खुदा से राहत मांगने लगे।-
हर दर्द हर गम हर आह का हिसाब होता है
रुलाया जिसने उसे भी रोना बेहिसाब होता है
बस तुम इंतजार करना... उस पल का
किस्मत का खेल जो होना हो वो तो साहब होता है
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Suno jaan 🤗
मैं मोहब्बत का कोई हिसाब-किताब नहीं रखता हूँ ,
महज इतना पता है याद तुझे मैं बेहिसाब करता हूँ..!!-
हंसी आती है मुझे.....
अपनिही बाते सोचकर...!!
की बडे होकर...
अपने हिसाब से जिंदगी जियेंगे...!!-
जिंदगी में खुद की एक अलग "किताब" रखता हूं ।
कौन ,कहा ,कैसे , बदल जाए , सबका "हिसाब" रखता हूं ।-
नजरे जिन्हे धुंड रही ।
नजर ना आ रहे वो कही ।।
हो कर तन्हा ये दिल ।
हैं खोया फिर वही कही ।।
एक झलक पाने को ।
हो रहा मे बेताब ।।
शायद पहले से ही मेरा ।
प्यार में हो चुका हैं हिसाब ।।-
हो चुका जो हिसाब होना था
और अब क्या हिसाब करते हो
क्या ज़रूरत है बहस करने की
क्यूं कलेजा कबाब करते हो 🤫
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उनसे शिकायतों की पाई पाई जोड़ रखी थी हमने ,
उन्होंने गले लगा कर हिसाब ही बिगाड़ दिया हमारा ।।-
|आंसू या लफ्ज़, आंखें या किताब|
||बता तो दो ज़रा रखें कहाँ, तुम्हारे ज़ख्मों के हिसाब||-