रिश्तों में हो मीठी सी मिटास... मुंडेर पे लड़ियां; दरवाजे फूल हार, चौखट पर बंधा हो बंधनवार खुशियां घर आएंगी खोलो द्वार। आंगन में रंगोली; दीपों की कतार, सुख समृद्धि लाए लक्ष्मी गणेश अपार खुशियों भरा हो दिवाली का त्यौहार।
मन से भी गहरा अंतर्मन अंतर्मन में है कौन राम–राम का सुमिरन करते 🚩 जय श्री हनुमान 🚩 श्री राम का सुमिरन और भला करे है कौन देवो के देव जिन्हे कहते मेरे हृदय की गहराई में बसते जय शंकर भगवान 🙏🙏🙏
दुनिया से छुपा कर रखने के लिए... दिल के कोने में छोटा सा घर बनाया है। बैठ के गुप चुप बातें करने के लिए... झरोकों में मैने झीना पर्दा भी लगाया है। रंग–बिरंगी दीवारों को निहारने के लिए... तुम्हारी तस्वीर को भी फ्रेम में जड़वाया है। कि आ जाओ तुम अब मिलने के लिए... गर्मा–गर्म चाय पिलाने का वादा मैंने निभाया है। तुम्हारी सारी शिकायते दूर करने के लिए... कहो! मेरा ये अंदाज क्या तुम्हे पसंद आया है