हर रोज़ ही छलक जाती है
चंद बूंदे इन आंखों से
जब मां आपकी याद आती हैं
बारिश की बूंदों से ज्यादा मां की ममता में तयाग है
बच्चे अपने की हर जिद पूरी करना समझती
अपना सौभाग्य है
मां ठंडी छाया है, मां खुशियों का संसार है
मां है तो दुखों का दूर पहाड़ है
मिलती जिसको मां की ममता
यह तो खुदा का आशीर्वाद है,
मां गुस्से में भी छिड़क दे तो
उसमें भी मां का आशीर्वाद है
इस संसार में मां भगवान का नाम दूजा है
सेवा मां की समझ ले ईश्वर की पूजा है
हर तीर्थ की यात्रा व्यर्थ है
अगर बच्चों को मां असमर्थ हैं
वो खुशनसीब है, जिनके सर पर मां का साया है
इस धरती पर स्वयं भगवान मां का आशीर्वाद
लेने आया है।
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लड़ पड़ती हूँ अक़्सर मैं आधी रात को तारों से
आसमां मेरा ,परवाज़ मेरी ,तू मुखर आवाज़ भी मेरी
फ़िर क्यों नेस्तनाबूद हुए हम झूठे अभिमानों से
आग़ाज़ तुम ,अंज़ाम भी तुम ,मेरी पहचान भी तुम
अंतर्द्वंद्व मचा है जाने क्यों ख़ुद के ही विचारों से
साहिल मेरा , दरिया मेरी ,कश्ती भी माक़ूल मेरी
फ़िर क्यों डूब गई इस तरह से मैं सूखे सैलाबों से
दोष न देना कि अब चलती हूँ आख़िरी सफ़र पर
भर गया आज हृदय मेरा तुम्हारे मृत मौन संवादों से
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मैं तुमसे दूर होकर जीना भूल गया हूँ
ज़िंदगी तो तुम्हारी साथ थी
अब मैं हर पल खुद को अकेला महसूस
कर रहा हूँ
मेरे जीने की वजह मेरा वजूद तुम हो-
ख्वाहिश ये नहीं थी,
तुम्हें इस जहां से चुरा लूँ ।
ये जहां भी तुमसे ही है ।
दिल-ए-हसरत तो बस इतना ही था,
तुम्हारी जहां मैं हो जाऊँ ।-
बेवफा कहती है वो मुझे ,
क्योंकि ठुकरा दिया मैंने उसे ,
उसने पूछा गलती क्या थी मेरी ,
और हम ख़ुद को ही गलत बता बैठे..!!!@-
मुझे तो तुमसे जुड़े लोग भी अच्छे लगने लगे है,
मैं तुम्हारी और अपनी प्रार्थनाओं में
उनकी ख़ुशी भी मांग लेता हूँ।
मैं ख़ुद सा कहाँ रह गया हूँ अब
तुम्हारे जैसे होते जा रहा हूँ....✍-
আমার লেখা যদি ছুঁতে পারে তোমাদের হৃদয়
তবেই তো আমার কলমের ছন্দ হবে সার্থক
শুধুমাত্র লাইক আর ফলোয়ার্স বাড়ানো নয়
তবে এ কলম যে হবে পুরোপুরিই নিরর্থক-
हमने शिद्दत से चाहा उन्हें और उन्हें मजाक लगा था,
तोड़ कर हमें बस उन्हें दिखावे का ग़म था।-
शिक्षा का मतलब आपके आचरण
विचार व्यवहार ज्ञान आत्मनिर्भर
संतुष्टि सन्तुलन की बातों से होतें
हुएं नौकरी की ओर उन्मुख होता हैं
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