अनाथ कहे या कहे पागल, पढ़े लिखों से सही विकलांग!,
अकड़ रहा मुर्दा, केहे रहा खुद को महान।-
ना किसी से कोई शिकवा,गिला मुझकों।
खुदा से भी नही माँगा कभी खुद को।।
मेरे खूबसूरती, में भी एक दाग है यारा।
उस दाग का है कितना अफ़सोस मुझको।।-
मैं विकलांग हूं इसलिए किसी का न सहारा हुआ 🥺🥺🥺
मां बाप का चमकता सितारा मैं दुनिया के हारा हुआ,
जितना ही कोर्शिक करु उतना ही बेसहारा हुआ,
स्पेशल बच्चा मैं सारे जग से दुत्कारा हुआ,
शिक्षा का अभिलाषी मैं लेकिन सामाजिक नीतियों मारा हुआ,
जितना ही आगे जाने का सोचा उतना ही समाज का पछाड़ा हुआ,
मैं विकलांग बच्चा हूं इसलिए किसी का ना सहारा हुआ,
कभी मानसिक तो कभी शाररिक रूप का बहाना हुआ,
किसी तरह पढ़ा तो सही लेकिन नौकरी का मारा हुआ,
कभी अध्यापक, कभी दोस्तो,तो कभी मुसाफिरों का चिराया हुआ,
आज मैं अपने दम पे खड़ा होने के काबिल हुआ,
लेकिन समाज में स्पेशल होने की वजह से मैं समाज से निकाला हुआ
मैं विकलांग बच्चा हूं इसलिए किसी का ना सहारा हुआ ।।।-
मुट्ठी खोल के उड़ा दी उसने
अरमानों की
तितलियां सारी....
समझ उसे हो गयी थी
वो बोझ है
अपने मां बाप
के कंधों पर
-
शारीरिक रूप से अपाहिज़ व्यक्ति
कम मिलतें है परंतु
मानसिक रूप से अपाहिज़ व्यक्ति
संसार में भरे पड़े है,
जानते हो...
किसी की शारीरिक दुर्बलता का
जब मज़ाक बनाया जाता है तो
वो क्यूँ सामने से हंस देता है?
(Read caption)-
जो दी है तुझ में थोड़ी कमी तो कुछ प्रतिभा भी दी होगी
जो दी है थोड़ी कठिनाई तो कुछ हिम्मत भी दी होगी..
दी होगी एक ऐसी मां जो तुझ पर जान छिड़कती होगी
कोई बोल दे जो तुझे विकलांग उसे तुरंत डांटती होगी
विकलांग नहीं दिव्यांग है मेरा बेटा ऐसा उसे बतलाती होगी
फिर ममता भरे हाथ से सिर तेरा सहलाती होगी।
संग होगा एक ऐसा पिता जो तुझे किसी से कम ना समझता होगा
हर क्षेत्र में आगे बढ़ने को तुझे प्रोत्साहित करता होगा
तत्पर होगा तेरे भविष्य चिंतन में खुद की परवाह न करता होगा
थक भी जाए गर तुझे संभालते पर एक आह न भरता होगा।
जब लोग हंसे, दया दिखाएं तब तू भगवान को कोसता होगा
क्यों बनाया मुझे ऐसा, "संपूर्ण क्यों नहीं हूं मैं" सोचता होगा
पर दी होगी एक ऐसी शक्ति जो तुझे कभी ना झुकने देती होगी
लाख प्रयास करता होगा तू, तुझे हार के ना रुकने देती होगी।-
ज़िंदा-दिली की एक मिसाल बन जाते है,
विकलांग जब मेहनत कर ज़िंदगी बिताते है।-