_गुज़ारीश_
खुदा से गुज़ारीश है..
के तू खुश रहे, आबाद रहे...
मै जिन्दा राहू ना राहू,
मेरी दूवाएँ तेरे साथ रहे....-
बेशक, मैं तेरे सारे हिसाब दे दूँगी..
तेरे इन सारे सवालों के जवाब दे दूँगी
तू इक मरतबा मुझे मौका तो दे...
मैं तुझे अपनी इन जु़ल्फों को सवारने का हकदार कर दूँगी...💞-
Main vi kya kamaal karti hun.
Ek shaam likhti hun- Ki bhulaa diya tujhe
Phir saari raat tujhe hi yaad karti hun....
Abb yehi duaa hai rab se ki hum kabhi judaa na ho..!-
वाह...जनाब वाह..क्या सोच है..
कितनी बेहूदा,घटिया,निम्न कौटि की.....
आपको तो खुजली वाली खरोंच है
क्या परिभाषायें दी है, इज़्ज़त और मोहब्बत की....
आपकI दिमाग अभी अभी फिरा है...
या..विचार...पहले से ही गिरा है..??-
गुज़ारिश है तुमसे
ऐ ज़िन्दगी,
तू साथ ले चल
मुझे भी!
इन अँधेरों के आगे कोई रोशनी तो होगी
जहाँ परछाइयाँ रहती होगी,
इन ख़्वाहिशों के उस पार कोई इमारत तो होगी
जहाँ बेबसी सुकून से सोती होगी,
इस समन्दर के दूसरी तरफ़ भी दुनिया तो होगी
जहाँ खामोशियाँ भी बोलती होगी,
इन सितारों के ऊपर भी कोई ज़मीन तो होगी
जहाँ से रोशनी उतरती होगी!
मैं वहीं रह जाऊँगा
तेरे साथ ठहर जाऊँगा,
थाम ले हाथ
चल चले वहीं,
गुज़ारिश है तुमसे
ऐ ज़िन्दगी,
तू साथ ले चल
मुझे भी!
#PoolofPoems-
गलती नहीं थी मेरी तेरे चुनाव में,
तुने मुझे आजमाकर, मौका भी नहीं दिया बदलजाने का-
है गुजारिश आपसे इतनी सी हमारी,
ज़हर इतना भी मत घोलिए जिंदगी में......
अगर आपको पीना पड़ेगा तो पी ना सकें,
और अगर पी भी लें तो फिर जी ना सकें।
बेशक जिंदगी में रुतबा-पैसा है जरूरी मगर
जिंदगी जीने के लिए
कुछ खास रिश्तो की भी जरूरत होती है।-
जो बना ही इश्क़ के लिए है,
वो दिल भी आजकल गुज़ारिश करता है मुझसे;-
'मुझे इश्क़ की गली न भेज'
बताओ ज़रा कैसे अज़ाब नाज़िल हुआ है
इस मासूम पर!-
Hai har boond se
meri guzaarish ,
Ki kar de uss rabb
se ye sifaarish ,
Jo hojaye charo taraf
khushiyon ki baarish ...
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GUZAARISH
Humare darmiya ye faasle rahne do .
Chehre bhul jao aur yaade rahne do .
Bagair ishq ke hum zism nahi chhute ,
Aur logo me ye ehsaas rahne do .
Jo kaafir tariki ke nashe me khuda bhul gaye ,
Unme mazlumo ke subah ka khouf rahne do .
Hum izzat ke thekedaar nahi , ishq ke fakir hai ,
Ise zehan me utaaro aur dil me pyar rahne do .
Are darakhte bhi bakayda ishq karte hai ,
Unke saakho me parindey to rahne do .
Bas itni guzaarish hai ab hume rab se ki ,
Jaan chahe le lo par apni aijaaz rahne do .
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