वो सुनती तो थी सबकी बातों को
कहना कुछ चाहती नहीं थी मगर
टूटी हुई दिखती थी हरदम
हँस कर हँसाना जानती थी मगर
सूरत की सांवली बिल्कुल खास नहीं दिखती थी
सीरत से खुश करना जानती थी मगर
शौक तो उसने हजार पाल रखे थे
परिस्थिति को समझना जानती थी मगर
सवालों के घेरे में हरदम रहा करती थी
आखों से बयां करना जानती थी मगर
बुनती रहती थी वो ख़यालों के जाल को हरदम
आवाज में उसके एक मधुरता आ जाती थी मग़र
सादगी, शांत, ऐसे अनेक भाव थे उसके अंदर
उन सब को खुद में समेट रखना जानती थी मगर
प्रेम ,लगाओ,रिश्तों में अटूट विश्वास रहता उसका
समय और किस्मत से हार जाती थी मगर
वो थोड़ी नासमझ सी सबकी बातों में आ जाती
सबके समझ में ना वो जल्दी आती थी मगर
थी कोई लड़की जो चुप रह कर भी
सब कुछ कहना जानती थी मगर
Shreya,Silent soul 💛
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