Samrat   (pain with pen✒1111)
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Joined 19 December 2019


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Joined 19 December 2019
6 AUG AT 23:33

मैं जीता हूँ आईनों में
आईने ग़म-ख़ाने हैं
मेरा अक्स बना लेते हैं
अपनी अपनी मर्ज़ी से
मैं जीता हूँ कुछ सीनों में
सीने आईना-ख़ाने हैं
मेरा नक़्श बना लेते हैं
अपनी अपनी मर्ज़ी से
मैं जीता हूँ मिट्टी पर
मिट्टी जिस से घर बनते हैं
जिस से क़ब्रें बनती हैं
जिस का ज़र्रा ज़र्रा औरों का है
उन का जिन में मैं हूँ
जो मुझ में हैं
अक्स कहा करते हैं
देखो तुम ऐसे हो...
नक़्श कहा करते हैं
ऐसे बन सकते हो...
ज़र्रे कहते हैं तुम
ऐसे बन जाओगे...

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5 AUG AT 23:49

माँ की लोरी
सरसों के फूल की
तरह होती थी
रात मै....
हां....
कौन सुनाएगा लोरी
कि सो सके
यह रात
नगर की रात है
होटल की रात है
माँ की गोद नहीं
बरसात का मौसम है
पांव में नहीं लगे हैं कीचड़
इसलिए जूते में लगे
मिट्टी की सुगंध से
आधी रात
खुश रहा और कुछ कुछ
याद आता रहा.....

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4 AUG AT 23:52

मेरे पति
हीरो को हीरो बनाते
कहानी मैं लाते मोड़
पर ये दौड़ में भी लगते होड़....

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3 AUG AT 17:28

शायद पति पत्नी सब से पहले एक अच्छे दोस्त बनते फिर जा कर एक आदर्श जोड़ा... 🌸

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3 AUG AT 16:51

मित्रता कोई स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है..जहाँ सुख में हंसी मज़ाक़ से लेकर संकट तक साथ देने की ज़िम्मेदारी होती.....

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2 AUG AT 23:56

हर दिन
मानवता की कब्र पर
नैतिकता का
मुर्दा
जलेगा !
मित्र !
आप सब भी आना,
भाषण सुनना
तालियाँ
ले जाना....

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1 AUG AT 23:32

अच्छी जगह तबादला योग्यता नहीं अच्छी रकम खोजती है....

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1 AUG AT 23:17

दुनिया में दो प्रकार के अछूत होते हैं...
जिससे कोई छूना नहीं चाहता
और दूसरा जिससे हम सब छू ही नहीं सकते..

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31 JUL AT 23:44

आज कल जमाना
दिखावे का हो गया .....
किसी गरीब की मदद
करके दुनिया को दिखाना
सेल्फी लेकर दुनिया को बताना
किसी की गरीबी का
मजाक उड़ाना
दुनिया के सामने खुद
को महान बताना
ईश्वर की नजरों में
खुद को गिराना 
दिखावा मत कर....
वफ़ादारी तो तेरे बस की नहीं,
कम से कम
ईश्वर से तो डर....
सजदा तो तमीज़ से कर....

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30 JUL AT 23:42

जितना जिया 
उतना जाना...
सभी अकेले हैं यहां
एक गोल घेरे में
करते हुए ड्रिल
जहाँ वे अपनी
ढालें खोजते हैं
वे छिपते हैं शान्ति
या संघर्ष के पीछे
एक पूछता है
दूसरे का दुःख
हर कोई अपने ही
बोझ से दबा हुआ रहता है
यहां कोई खिड़की नहीं है
फिर भी खुला रह जाता है
कोई न कोई दरवाज़ा.....

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