Sahil Jain   (Sahil)
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Joined 29 April 2018


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Joined 29 April 2018
24 AUG 2022 AT 23:09

Only constant in life is "Temporary"!

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25 FEB 2019 AT 15:14

You've been so short
yet so wonderful.

You came cold
leaving warm,
keeping fans on
and geysers off.
You were going to
hold my hand,
but leaving soon
empty hand.
I had plans for you
to make you special,
however life had different plans
and made it a hustle.
You left with memories
to cherish whole year,
and as you depart
the eyes are full of tears.
Life isn't great
but you still made it beautiful,
you've been so short
yet so wonderful.

#PoolofPoems

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31 DEC 2018 AT 9:47

इस साल की आखिरी सुबह में
किसी महकती खुशबू की तरह फैली है दुआएं,
दुआएं एक नए सफर की!

दुआएं खुद से खुद की
दुआएं खुद में खुद की,
दुआएं अपनों के सुख की
दुआएं गैरों के हित की,
दुआएं कुछ अच्छे पलों की
दुआएं कुछ हँसी और मुस्कुराहटों की,
ये दुआएं है जो एक से दूसरे को जोड़ती है
ख़्वाबों और हसरतों को महफूज़ रखती है!
इन्हीं दुआओं की महक लिये
इस साल की आखिरी सुबह में
साल भर की यादें लिये जैसे अलविदा कहती जा रही है ये हवायें!

#PoolofPoems

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11 DEC 2018 AT 23:34

बेहया आँखे देख जी करता है तेरे काजल में छुप जाऊँ
मगर इनमे कोई और डूबा है, ये सोच मैं साहिल पर ही रुक जाऊँ!

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27 NOV 2018 AT 21:56

सोच रहा हूँ, खुद से छुप कर कुछ रोज़
खुद को तलाश करूँ!

सुना है मैने, भटक जाने पर लोग
अक्सर सम्भलना सीख जाते है!

#PoolofPoems

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12 NOV 2018 AT 23:39

बैठ जाना चाहती हूँ किनारों पर
लहरों का खेल अच्छा लगता है,
बहुत शोर है अपनों के शहर में
खामोशियाँ सुनना अच्छा लगता है!

अक्सर देखती हूँ कितने अन्जान चेहरें
खुद से मिलना अच्छा लगता है,
रिश्तों के धागे उतार कर कुछ पल
अपने लिये जीना अच्छा लगता है!

(Read full poem in caption)


#PoolofPoems

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12 NOV 2018 AT 22:06

अक्सर सोचता हूँ,
काश किताबें भी बोल पाती
तो कभी इन्तज़ार ना करना पड़ता,
काश ये किताबें भी सुन पाती
तो कभी एहसासों को बिखरना ना पड़ता,
काश ये किताबें भी चल पाती
तो कहीं भी तन्हा शामें ना होती,
काश ये किताबें भी इंसानों सी होती
तो इंसानों की कभी ज़रूरत नहीं होती!

फिर सोचता हूँ,
ये किताबें इंसान ना ही हो तो बेहतर है
बोल, सुन, चल नहीं पाती
मगर कम से कम इंसानों की तरह ये दिल तो नहीं दुखाती!


#PoolofPoems

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26 OCT 2018 AT 2:05

खामोशियों के फ़सानों में
इक अनकहा सा लम्हा तो होगा,
वक़्त की बहती लहरों का
कहीं कोई साहिल तो होगा,
यूँही नहीं सजती अक्सर
ये महफिलें एहसासों की,
ज़िन्दगी की शामों का
पल दो पल का शायर तो होगा!

पल दो पल की कहानी होगी
पल दो पल की रवानी होगा,
तुम्हारे अन्दर भी कहीं
पल दो पल का शायर तो होगा!

#PoolofPoems

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4 OCT 2018 AT 10:12

खुद की तलाश में निकल पड़ता हूँ
कुछ अन्जान रास्तों पर,

जब भी मिलता हूँ पूछ लेता हूँ मंज़िल का रास्ता
और फिर भटकता रहता हूँ बेख़बर!


#PoolofPoems

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29 DEC 2021 AT 0:30

ज़िन्दगी के इस जंगल में
कई खामोश शजर खड़े है,
कहीं से गुज़रे है कदम दबकर
कुछ राहों में तत्पर खड़े है,
हर एक शाख के पत्तों से
इक-इक मंज़र के सफ़हे लिखे है,
कुछ टूट कर बह गये हालातों के सावन में
कुछ आधे-अधूरे ख़्यालों से घिरे है,
ना मंज़िल की खबर, ना कोई सुराख़
बस वक़्त के सिलसिलों में बसर रहे है,
ज़िन्दगी के इस जंगल में
कई खामोश शजर खड़े है!

#PoolofPoems

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