जब शब्दों की हांडी पर
दाल भात पक जाते हैं,
भावों के मांझे से
कविता की
कनकैया उड़ाते हैं,
सूखी नदी में
गीतों का
झरना नहाते हैं,
वही बोल
अमर होकर
गुलज़ार बन जाते हैं-
18 AUG 2019 AT 17:03
6 FEB 2020 AT 19:59
मेरी आँखों ने पकड़ा है, उन्हें कई बार रंगे हाथ, वो इशक करना तो चाहते है, मगर घबराते बहुत है..!!
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18 AUG 2018 AT 10:19
कागज़ कलम दवात,
हर हर्फ़ सुकून पाए,
गर उन्हें गुलज़ार केे,
हाथों की छाँव मिल जाए!-
10 APR 2020 AT 19:56
Jab tu muh mod chala.....
Aankh khab se Khali hui...
Zindagi toh guzaar rahe hain...
Par zindagi se gulzaar Khali hai..-
23 JUN 2020 AT 17:12
उसकी आँखों में देखा तो प्यार हो गया .....(2)
नकारा था पहले मैं यारों, अब गुलजार हो गया ||-
18 AUG 2020 AT 20:37
उस पल मेरी ख़ुशी का ठिकाना नही रहता
जब तेरे और मेरे बीच ये जमाना नही रहता-
15 JUL 2021 AT 7:35
फ़र्क़... कुछ तो हैं ...रक़ीब-ओ-मुझमें
उसने पाया तुझे ....मैंने चाहत तेरी
🍷
( हाली )-
18 AUG 2020 AT 19:17
Yaadgar rahegi
Unse humari Zindgani Gulzar rahegi
.......
Gulzar sahab......💟😊-