जागती रातें मस'अले का हल नही होती,
और ना ही नींद सुकून...
-
Ruchi
(इस्क्रा🎈)
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दो चार लफ्ज़ और ढ़ेर सारी ख़ामोशी।
Joined 6 June 2017
18 APR 2020 AT 22:58
वो सारी बातें
जिसे लिखना था तुम्हें भेजने वाली चिट्ठियों में
वो बातें अब डायरी के पन्नों में कैद है।
"तुमसे कह ना पाना कि तुमसे इश्क़ है..."
"ये दुनिया की सबसे उदास बात है,
अधूरी नियति की कहानी है"-
18 APR 2020 AT 22:19
शब्दों से ज़ख्म खाये हुए लोग
अक्सर ख़ामोशी अख्तियार कर लेते है,
ताकि मन के ज़ख्म पर वक़्त मरहम लगा सके।-
16 APR 2020 AT 22:16
तुम्हें लिख-लिख कर,खुद को टीसते रहती हूँ,
यादों के पौधों को आँसुओ से सींचते रहती हूँ।-
16 APR 2020 AT 21:48
ख़्वाबों को सच करने के भागदौड़ में,
हम ज़िन्दगी को,
बचपन वाले क्रिकेट के मैदान में ही भूल आये।-
15 APR 2020 AT 20:57
सबके मन को कहाँ भाती हूँ मैं,
अब समंदर के "खारे पानी" जैसा खुद को पाती हूँ मैं।-
11 APR 2020 AT 23:15
तुम्हें याद करते ही भर आती है आँखे,
अब इन आँसुओ को कैसे समझाऊँ...
राब्ता ख़त्म हो गया है हमारा।-