ग़म रहा जब तक कि दम में दम रहा
दिल के जाने का निहायत ग़म रहा
मेरे रोने की हक़ीक़त जिस में थी
एक मुद्दत तक वो काग़ज़ नम रहा
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मेरे बेवफ़ा हम-दम मैं तेरी बेवफ़ाई भी ख़ुद पे सजा लेता हूं
कुछ यूं बहाने करके तुझे सबकी बद्दुआओं से बचा लेता हूं
मेरे ग़मों की वजह तुझे मानते हैं मेरे सब दोस्त रिश्तेदार भी
कहीं तू रुसवा न हो जाए इसलिए मैं अपने ग़म छुपा लेता हूं-
کوئی مجھے پیار نہ دے ورنا بیکار جایگا
اشق کی بات کرنے والا مار خایگا
कोई मुझे प्यार न दे वर्ना बेकार जाएगा
इश्क़ की बात करने वाला मार खाएगा
Koi Mujhe Pyr Na De Wrna Bekar Jayga
Ishq Ki Baat Krne Wala Maar Khaayega.-
मरते दम तलक साथ निभाने वाले
बहुत देखे हैं पलटकर न आने वाले
ख़्वाब भरके आंखों में वो चल दिए
खिलौना समझ दिल बहलाने वाले-
ऐ ख़ुदा बेशक़ उन्हें ख़ुशियों की बहार ना दे
पर इल्तिजा है किसी को ग़म बेशुमार ना दे!
तू चाहें तो किश्तों में दे उनके लबों पर हँसी
पर कोई रोक ना सके ऐसे आँसु हज़ार ना दे!-
_नसीब_
चाहे जितने गम हो फिर भी
मुस्कान के साथ मचलेंगे...
तबियत से पटक ए तक़दीर
हम दुगनी उचाई तक उछलेंगे...
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जिंदगी की हकीकत को बस
इतना ही जाना हैं... !
हम दर्द में अकेले हैं
और खुशी में जमाना हैं...!!-
अगर दुनिया के तमाम गमों को हर इंसान में बराबर तौर पर तक्सीम होने का फैसला हो तो हर इंसान यही कहेगा - नहीं नहीं.! मैं अपनी मौजूदा हालत में खुश हूं, और मुतमईन हूं,
""गम और ज़ुबां का गहरा ताल्लुक होता है""
गम में जितनी ज्यादा गहराई और शिद्दत होगी, ज़ुबां उतनी ही ज्यादा बंद और खामोश होगी..
"वो लोग खुशनसीब है जो गम का इज़हार करते हैं" क्योंकि इस तरह वो कुछ सुकून तो हासिल करते हैं.,
मैंने गम को अलविदा कह दिया और अपने बहुत पीछे छोड़ दिया लेकिन गम कितना मुश्किल और मेहरबान साथी है कि मेरा पीछा नहीं छोड़ता और बराबर मेरे साथ है, मैं गम के साथ कुछ दूर गया उसने मुझसे एक लफ्ज़ भी ना कहा ....
लेकिन मैं क्या बताऊं गम की हमराही के दौरान मैंने कितनी अज़ीम बातें सीख ली...!!-
Thoda khush kya huwa
Ghamne bol raha hai
Apno(gham) ko bhula dena itna aasan nhi
Ruko main(gham) Aa raha hoo😀😪😢😬
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