खो जाने को दिल चाहता है
ग़ैरत-ए-ग़म में,
वैसे भी अब बचा ही क्या है
तुम्हारे बिन....'हम' में
- साकेत गर्ग-
Galti to hamaari hai,
Jo unke liye rote hain.
Vo andar se gair,
Bahar se apne hote hain.-
ख़ामोश रहना सीख लिया है हमने...
यूं हर पल शोर मचाना भी कहां की गैरत है।-
आंखों में मासुमियत की झलक
मुर्गी के चूज़े को इलाज की ललक
चेहरे पर पछतावे की कसक
जमापूंजी लगा देने की खनक
मिज़ोरम का ये जांबाज बच्चा
अक्ल का कच्चा दिल से सच्चा
बड़े-बड़े भी खा जाएं गच्चा
भोलापन ऐसा जैसे हो कोई ज़च्चा
डेरेक लालचनहिमा नाम है उसका
बहुत बड़ा हीं काम है जिसका
आज़ ईनाम से नवाजा गया
गैरत को सच्चा तकाज़ा गया..-
ग़ैरत बची है आज भी उनके किरदार में
वो गुब्बारे बेंचते हैं गलियों में ज़मीर नहीं-
ग़ैरतमंद आशिक़ अब उसकी गली में दोबारा नहीं जाएगा
नाम रहेगा उसका दिल में मगर...कभी पुकारा नहीं जाएगा ।।-
दूसरों के ऐब तलाशते हो,खुद अपनी करतूत देखा करो
ऊँगली गैरों पर उठाने से पहले,अपने गिरेबाँ में झाँका करो,
ये सच है तुम भी मान लो ,कोई भी जहाँ में मुकम्मल नहीं
गैरत जरा भी है तुम में अगर,ना किसी को बात बात पे टोका करो।
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हाथ मैले किये उसने, पर फैलाए नहीं...
वह मुफलिसी के दौर में भी ग़ैरत नहीं भूला।-
Wo gairat-mand, jur'at-mand, saf-e-awwal me hote hain...
Ki aisa martabaa bhi kya kisi buzdil ko milta hai?!
وہ غیرت مند, جرأت مند, صفِ اول میں ہوتے ہیں...
کہ ایسا مرتبہ بھی کیا کسی بزدل کو ملتا ہے؟!-
Prada karo tum Apne baba ka gurur ho
Parda karo tum Apne bhai ki gairat ho
Parda karu parda haya ka zewar hai
Parda karo parda aurat ki shaan hai
Parda karo tum mamuli ladki nahi ho tum Islam ki shahezadi ho
Shahzadi mamoli nahi ke us par har kisiki nigaah padh jaye
Parda karo kyun ke parda karna Islam me farz hai
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