कैसे छुपाओगे...
उसकी पहचान...
वो तो किरण है...
रोशनी की...
जो हर अँधेरे को...
चीर कर आएगी।-
15 AUG 2020 AT 5:12
6 DEC 2018 AT 7:08
तुम्हारी जहालत से मैं ख़ौफ़ खाता हूँ,
छोड़ो, मत बनाओ घर मेरा,
मैं वापस लौट जाता हूँ।
ऐसी नफ़रत तो रावण से भी ना की थी मैंने,
जितनी तुम ख़ुद ही से करते हो,
तुम क्या करोगे इंसाफ़ मेरा?
मैं ही फिर वनवास को जाता हूँ।-
30 APR 2019 AT 23:18
वो जो तुम्हारी खुशी मे शरीक नहीं थे,
वो ग़म मे भी नज़र नहीं आएंगे
पर जो अपनो का वास्ता देकर मुकर गए
वो तुम्हें तिल- तिल तड़पाएंगे ।।-
18 FEB 2019 AT 13:44
Faith is just a Myth
Unless you Step out & put it into Actions...-