कैद नहीं रहते...
सपने कभी ...
उन बंद आँखे में...
उडान जो अपने...
हौसलों से भरते हैं।-
Rajni Dhankhar Dangi
(Rajni Dhankhar Dangi)
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Lecturer # zoology
Expressing inner thoughts in a simple way
My philosophy
simple living@sim... read more
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Joined 14 August 2020
31 JUL 2022 AT 7:43
27 MAR 2022 AT 19:03
सुकून देता है जीना...
कभी अपने लिए भी।
दूसरों को खुश करने में...
अक्सर कदम थक जाते हैं।— % &-
12 FEB 2022 AT 8:23
सूरज सी चमक...
वो सुकून शाम सा...
थकते नहीं कुछ कदम...
मीलों सफर के बाद भी।— % &-
5 JAN 2022 AT 17:36
बिखर कर...
हर बार ...
वो फिर से ...
जुड़ना जानती है...
औरत है वो...
हर अँधेरे से...
निकलना जानती है।-
24 NOV 2021 AT 10:31
ढूंढना है...
अब उस सवेरे को...
रास्ता जिसका...
फिर कोई अँधेरा...
रोक ना सके।-
1 NOV 2021 AT 6:37
कर दो...
आजाद ...
इन बंद ...
परिंदों को...
कुछ ख्वाब...
अब फिर से...
उड़ने की जिद्द पर हैं।-
17 OCT 2021 AT 18:56
निखरती हैं...
कुछ उम्मीदें बस...
खुली हवा में...
बंद कमरों में ...
अक्सर अँधेरा ...
फैल जाता है।-
12 SEP 2021 AT 8:11
सुलझती नहीं...
कभी कुछ ...
उलझनें...
पर जीने का...
सलीका ...
सीखा जाती हैं।-
22 AUG 2021 AT 18:13
उलझी हुई सी...
इस कहानी में...
सुलझी हुई सी...
शामिल हूँ मैं।-
1 AUG 2021 AT 7:43
जिक्र...
क्यों करना...
अपनी बंदिशों का...
जब ऊपर ...
उड़ान के लिए...
तुम्हारी सोच ही काफी है।-