कैद नहीं रहते...
सपने कभी ...
उन बंद आँखे में...
उडान जो अपने...
हौसलों से भरते हैं।-
Expressing inner thoughts in a simple way
My philosophy
simple living@sim... read more
सुकून देता है जीना...
कभी अपने लिए भी।
दूसरों को खुश करने में...
अक्सर कदम थक जाते हैं।— % &-
सूरज सी चमक...
वो सुकून शाम सा...
थकते नहीं कुछ कदम...
मीलों सफर के बाद भी।— % &-
ढूंढना है...
अब उस सवेरे को...
रास्ता जिसका...
फिर कोई अँधेरा...
रोक ना सके।-
गुजर ही ...
जाते हैं...
वो लम्हे...
हक जिन...
पर हमारा ...
नहीं होता।-
कैसे छुपाओगे...
उसकी पहचान...
वो तो किरण है...
रोशनी की...
जो हर अँधेरे को...
चीर कर आएगी।-
बिखर कर...
हर बार ...
वो फिर से ...
जुड़ना जानती है...
औरत है वो...
हर अँधेरे से...
निकलना जानती है।-
कर दो...
आजाद ...
इन बंद ...
परिंदों को...
कुछ ख्वाब...
अब फिर से...
उड़ने की जिद्द पर हैं।-
निखरती हैं...
कुछ उम्मीदें बस...
खुली हवा में...
बंद कमरों में ...
अक्सर अँधेरा ...
फैल जाता है।-
सुलझती नहीं...
कभी कुछ ...
उलझनें...
पर जीने का...
सलीका ...
सीखा जाती हैं।-