हम क्या और किसी बात के मर्द है,
हम ही हिंसा हैं, हम ही दर्द हैं।
इस दुनिया में बची जितनी भी शोहरत है,
वो सिर्फ और सिर्फ औरत है।
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Writer| Director| Singer| Storyteller
Former Creative Direc... read more
जिसकी ना कीमत है,
ना सम्मान है।
जिसका ना नेता है,
ना कोई चुनावी निशान है।
जिसके मोहल्ले में पसरा सन्नाटा है,
जिसका जल गया है घर,
बचा सिर्फ जिसका खंडहर सा मकान है,
जिसकी चीखें सन्नाटों में घुली गूंज रही हैं,
जिनकी ज़िंदगियां वीरान हैं।
जिसका अब ना धर्म बचा है,
ना बची कोई पहचान है -
बस वही इंसान है।
बाकी सब, भीड़।-
मेरी ज़िन्दगी मेरे अकेले की नहीं, दोहरी है।
मैं तुम में, तुम मुझमें बसती हो।
मेरे आंसू देखकर तुम यूहीं हंस देती हो सामने मेरे,
मेरी खुशी देखकर तुम रो पड़ती हो।
माँ, तुम ही तो हो जो मुझे मजबूत रखती हो।
मेरे होने ना होने से फर्क पड़ता है, क्यों?
मेरे कुछ करने ना करने से फर्क पड़ता है, क्यों?
मेरी कामयाबी नाकामयाबी से फर्क पड़ता है, क्यों?
क्योंकि मेरा नाम, मेरा अभिमान,
मेरा स्वाभिमान, मेरा वजूद, सब कुछ -
सिर्फ मेरा नहीं,
वो तुमसे है, तुम्हारा है।
मैं क्या बनूंगा कभी सहारा तुम्हारा, हैसियत नहीं मेरी,
तुम हो तो सब है,
तुम्हारे बिना तो संकल्प ही बेसहारा है।
मैं तुम्हारा बेटा, तुम मेरी माँ नहीं हो बस,
मैं तुम में, तुम मुझमें बसती हो।
माँ, बहुत हुआ दिन देखे इस शहर पराए में,
आखिर तुम कैसे हंसती हो।
जल्द मिलूंगा तुमसे,
पर ये नहीं कहूंगा की दुनिया घुमाऊंगा।
मैं क्या दिखाऊंगा दुनिया उसको,
जिसने मुझे दुनिया दिखा दिखलाई है।
तुम तो हर रोज़ इस धरती पे कहीं,
एक नया संसार रचती हो।
और घूम भी डाली अगर धरती पूरी,
तब भी गोद में तुम्हारी ही चैन पाऊंगा।
दुनिया भी समझती है बात जब ये कहता हूं मैं,
मैं तुम में, तुम मुझमें बसती हो।
बस और नहीं लिखूंगा, जानता हूं,
माँ हो ना, तुम सब समझती हो।
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बहुत जतन के बाद ये वतन बना है,
इसे अपने भेस के साथ मत बदलो।
ये था, ये है, ये रहेगा ,
लाख कोशिश चाहो तो करलो-
इसे तोड़ने की,
कानून को मरोड़ने की,
धर्म को निचोड़ने की,
ईमान को झकझोरने की।
ये गणतंत्र मजबूत बहुत है,
नहीं कर पाओगे जो बेनियत करना चाहते हो।
तुम खप जाओगे, हम खप जाएंगे।
पर ये हिंदुस्तान है,
हर शाम कुछ ना कुछ बयां कर जाता है।
इसको नया बनाना नहीं पड़ता,
ये हर सुबह खुद ही नया हो जाता है।
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Yes, I'm a writer. But definitely not the one who would make up and write his struggle story. There are amazing people in this city for whom the biggest struggle after getting initial success is- How to write the best struggle story!
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किताबों के साथ तस्वीरें खिचाता नहीं हूं मैं।
और भी मोहब्बतें हैं मेरी जिन्हें दिल में खुद से ज़्यादा जगह दे चुका हूं।
अब कैसे कैद करवाऊं उन्हें तस्वीरों में अपने साथ -
जिनके घर में मैं बिना बताए रह चुका हूं।-
तुम्हारा आना जाना लगा रहता है,
मेरा तुमसे नाराज़ होना, तुम्हे मनाना लगा रहता है,
उम्मीद खुद की तुमपे टिका देता हूं,
हर बार जब शुरू होते हो तो कुछ वादे खुद से कर लेता हूं।
जाते - जाते हर बार मुड़ कर पूछ जाते हो,
जब निभा नहीं सकते तो वादे क्यों करते जाते हो!
चलो इस बार कोई वादा नया नहीं करूंगा,
बस, हर कहानी पर तुम्हारी हर तारीख के साथ अपना दस्तखत करूंगा।
१.१.२०१९
1.1.2019
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अकेलापन कैसा होता है?
ख़त्म होते उस साल से पूछो-
इतिहास के पन्नों में हर तारीख अकेली ही चलती है।
घड़ी की सुई और साल में मोहब्बत हुई थी जो,
वो माज़ी के सीने में दहक के जलती है।
दुनिया का क्या है -
वो तो बस यूं ही, भीड़ सी, चलती है
अकेलापन कैसा होता है?
ख़त्म होते उस साल से पूछो।
इतिहास के पन्नों में हर तारीख अकेली ही चलती है।
(माज़ी- Past)
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साल बदलने वाला है,
वक़्त बदलने वाला है,
इंसानों का वक़्त नहीं बदलता,
वो बस कदम से कदम मिलाकर चल लें,
हैसियत बदल जाती है।-