अंधेरी अमावस की रात को तुम व्यर्थ ही दीपक जला रही थी आंगन में
हजारो जुगनुओं का डेरा तुम्हारे आंगन में आने को आतुर था
तुमने कमरबंद से लेकर आंखों में काजल तक का श्रृंगार किया था ,
तुम्हारी चूड़ियों और पायलों का शोर सुन अपने घोंसलों में आराम कर रहे पक्षी भी मानो अपने कानो से अर्ध रात्रि में प्रभाती सुन रहे हो ,
यूँ तो गर्म हवाएं सारे बदन को पसीने से तर बतर कर रही थी लेकिन तेरे स्पर्श से बो भी शीतलता की ओर अग्रसर हो रही थी...
इन सब चीजो के बीच
जब तूने मेरे करीब आकर मुझे ह्रदय से लगाया .....
बस इतना ही याद है
बाकी सब विस्मरण हो गया...
तेरे आगोश में
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ये कुछ पलों की हसीन चाँदनी है,
सुबह होते ही इसे बादलों में खो जाना है,
क्यों न जी लिया जाये इस एक पल में,
फिर बिछड़ तो हम दोनों को भी जाना है।
#ek_raat-
Sahi Kaha h us VILEN ne
Jis din ki is dil ne khudse mohobat
To zindagi bhi mujhpe fida ho gayi
Tere baare me na sochu aisi raat nhi hai
Par tu tode dil mera teri aukaat nahi
Dil v bola sun bawre ankhiyon k dushman
Naa mai kabhi tuta tha na khoya tha kahi
Tere paas yahi hu ye awaaz mai hi hu
Ye kahani teri meri hai zamane ki nahi
Mai dhadakta rahu tu bhi yu hasta rahe
Duniya jaye saali bhaad me koi parwa hi nhi-
कही चंद शरद भरी हवाओं में, संग तेरे रात बितानी बाकी है !
एक बार फिर तू हंस के तो देख सनम, फिर एक जिंदगी तेरे नाम लुटानी बाकी है !!-
काश कि तुम मेरे साथ एक रात सोते;
कितनी तन्हा हूँ मैं ये जान मेरे साथ रोते....!!!
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Ek raat
ये बात है एक रात की उन दोनों के मुलाकात की
कुछ खास था उस रात में चांद की चांदनी जो थी साथ में,
दोनों की नज़रें झुकी थी शायद कुछ बात दोनों के ही दिल में छुपी थी,
कहना तो चाहते थे पर शायद कहने से दोनों ही घबराते थे,
इसलिए बिन कुछ कहे आँखों ही आँखों में इज़हारे इश्क़ हुआ दोनों ने उस रात के उस पल को जिया..-
रात है वो सोने चले,मीठे सपनों में खोने चले,
ए चाँद उन्हें मीठी मीठी लोरी सुना देना।
जब वो सो जाए तो,
उन्हें पलँग से नीचे गिरा देना।।
पुरानी यादें...-