बेदर्द का अहसास तब होता है,
जब इश्क़ के हालात किसी ओर के ख़्वाब हो जाते है।-
आप उस चीज़ के पीछे भागे जिसे आप सच मे पाना चाहते है, न कि उस चीज़ के पीछे जो बीत गया हो।
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मिला नही जो दर्द तुझे-ए-ज़िंदगी तू भी आजमा ले,
डूबे हुए दरिया में तू फिर से मिला ले।
कोई शख्स नही इस दुनियां में जो तुझे समझे,
अब आ गले लग जा तू ही ख़ुद में समा ले।
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हमारी ज़िंदगी भी बड़ी अज़ीब होती है,
जब हम जिसे पाना चाहते है तब उसका ख्याल नही रहता।
ओर जब वो किसी ओर को पाना चाहे
तब उसी के ख़्याल में पागल हो जाते है।-
उसके इश्क़ का रोग लगा कुछ इस तरह,
की न दिल की धड़कन रही न दिल का ठिकाना।
वो इश्क़ में कुछ इस तरह ग़ुमराह हमे करती रही,
की न ख़ुद की क़द्र रही न उसका ठिकाना।
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रब्बा यह इश्क़ ही क्यों होता है अक़्सर उसी से?
जिस इश्क़ में अक़्सर फ़रेब-ए-नफ़रत छुपी होती है।-
अरे! बहुत दुःख देखे है, मैने उस दहलीज़ पे,
जिस दहलीज़ पर उसका अक्सर आना-जाना रहता था।-
अरे! मै तेरे सीने की धड़कन नही जो तुझमे धड़कू,
हा हा.. अब जाओ तुम उसी धड़कन में जो तेरे दिल में धड़के।-
अरे! जाओ अब शर्माने का क्या फायदा?
जब दिल के मंज़र को ख़ज़ार कर दिया।-
"मै वो राज्य हूं जिसे हर कोई पाना चाहता है"
किसी के ह्रदय में रहता हूं तो किसी के सपनो में रहता हूँ
हा मै वो ही उत्तर प्रदेश हूँ..
मेरी किस्मत भी लोगो की मेरी कहानी लोगो की
मेरी मुस्कान लोगो की मेरे जज्बात लोगे के
फिर मै में ही नही फिर भी मै वो ही राज्य हूँ
मेरे सीने को धडक़न देश के ह्रदय की हिदायत है
मेरी ही राजनीति का मंज़र सबको भाता है
मेरे ह्रदय के वादे वो करके तोड़ जब देते है
तब खुद को कैसे समझाऊ में किसके ह्रदय में रहता हूँ
जब पार्टियों मुझकों लेकर वादे करते है,
झूठे ही सही मग़र कुछ अच्छे कुछ बुरे इरादे रखते है
मै ख़ुद जब खुद खोजू तो खुद ही भूल जाता हूँ
क्योंकि मैं में नही यह राजनीति का हुज़ूर बन बैठा
लोगो की मंशा भूल खुद बाहुबली बन बैठा
हा मै में ही हूँ.. उत्तर प्रदेश-