उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में
इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए-
आज मैं सारे बन्धन तोड़ने आई हूँ
बनावटी चेहरे से मुँह मोड़ने आई हूँ
नहीं पसंद ये दोगले चेहरे लिए लोग
इन सबको सदा के लिए छोड़ने आई हूँ
अरे बहुत हुआ ख़त्म करो ये नाटक
सबक सबको आज सिखाने आई हूँ
चेहरे पर चेहरा है जिनके चरित्र में
आईना उन्हे आज दिखाने आई हूँ
हाँ मतलबी कहलाने का शौक लिए
मैं आज फिज़ूल बातें मिटाने आई हूँ
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पेट की भूख मिटने को लगे है अँधेरी गलियों में मेले
बेआबरू से जिस्म और कोड़ियो में बिकते हुये
लगा है जमघट वहाँ कुछ इज्जतदारो का भी
देखने रात के अंधेरो में भेडियो को जिस्म नोचते हुये
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Jindgi में धोखा मिले तो...
udaas ना हुआ करो...
बल्कि shukr मनाओ कि...
किसी दोगले इंसान से picha छूट गया...
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Bahar ki chamak
Dil ke gammon ko baya nahi karti
Khilti hue muskaan
Ander ke dard ko sanjha nahi karti
Kitni dogli hai humari ye zindagani
Insaano mein reh kar bhi
Insaano ko samjha nahi karti....-
कुत्तों का काम ही, भौंकना और चाटना है,
अगर वो ऐसा करेंगे नही, तो गली में दिखेंगे नही..-
'Chala Aya Mehfil Se Jahan Laga
Mujhe
AKELApan'
'Uljhan Si Hone Lagi Thi Logon Ka Jab
Dekha
DOGLApan'
'Jab Uda Karta Tha Mai Titliyon Sang Dekh
Unka
DIWANApan'
'Akela Tha Mai Fir Bhi Rehta Madhosh Wo Tha
Mera
AAWARApan'-
हो रही हैं लाख साजिशें हमे बदनाम करने की,
सुनो हमारा एक पैंतरा ही काफी होगा..-
कभी कभी हम किसी को
इतना ज्यादा महत्त्व दे देते है
जिसके वो कभी लायक नही होते
उल्टा उनके दिल में हमारे प्रति
दुनिया भर का जहर भरा होता है
वक्त आने पर वो अपना
व्यक्तित्व दिखा ही देते है..।-
Acchi Mai बस tab tak...Hu
Jab tak ...
Tum mere Saath acche sai ho...
Agar दोगलेपन par
Utare na Tu...
Aukat dikhani मुझे BHI aati h...-