कहती कुछ नहीं पर सहती बहुत है पृथ्वी हम किस्मत के बुलन्द हैं जो भारत में जन्में पर्यावरण का पूरा लाभ उठाकर भी क्षुब्ध हैं अपने ही कर्मों से जीवन नष्ट करने पर तुलें हैं
दूर से देखने पर दुनियादारी प्यारी दिखती है आप बीती सबको बड़ी भारी-भारी लगती है भीतर टूटे हुए सब बाहर चमकदारी दिखती है दिखावे से भरी हुई दुनिया ये सारी लगती है
चलो लड़कियों खुद के फैसले कुछ यूं लिए जाएं दुनिया कि परवाह न कर खुद को काबिल बनाएं लोग तुम्हारे साथ जबरजस्ती भी नहीं कर पाएंगे और तुम्हारी ज़िंदगी का भी बड़ा मकसद बनेगा...
किसी दुखी पर किया गया दयाभाव अच्छा है परन्तु मानव की क्षमताओं पर संदेह जैसा भी है मानव को खुद जूझना और लड़ना सीखना होगा किसी की आस में नहीं रहना संघर्ष करना होगा...
इतिहास गवाह है जिन पुरुषों ने प्रेम में धोखा खाया है... उन्हीं ने मजबूत "इतिहास" बनाया है.. खोज व्यर्थ ही है अपनों में अपनों को खोजना.... पहले खुद को खोज लो...