QUOTES ON #COPYCATS

#copycats quotes

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28 SEP 2017 AT 16:26

नकल उतारी दूसरे की, क्षणिक वाहवाही के ख़ातिर,
खोया क्या-क्या यह न जाने, बन कर इतने शातिर,

अपनी ही पहचान गुमाई, पहचान कमाने की होड़ में,
ज़मीर क्या नहीं ललकारेगा, तुम्हें अंधेरों की ओड़ में,

अपनी आँखों से अब आंखें, आईने में कैसे मिलाओगे,
अभी नहीं एहसास तुम्हें पर, अंत में बहुत पछताओगे|

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26 SEP 2017 AT 23:11


इतराते रहे गैरों के अशआर को लूट कर
झूठी वाहवाही के लिए ज़मीर बेच दिया।।

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27 SEP 2017 AT 11:11

मम्मी ने सिखाया है चोरी करना बुरी बात है
मम्मी की सीख भी न समझे ये बड़े शर्म की बात है

उनकी उमर बस इसी में बीत रही
उन चोरों की बस यही औकात है

लेखन को चोरी कर सकते हो
प्रतिभा को कैसे चुराओगे

ओछी मानसिकता के प्रेमी हो
ऊंचा कैसे उठ पाओगे

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29 FEB 2020 AT 14:48

In a world of copycats
: - Be an original

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7 MAR 2018 AT 15:39

** # चोरों के नाम प्रेम पाती #**

एक शब्द भी न टपका,कलम से आप की,
'चुराओ-चस्पा करो' कह गया कविता आप की..

रहे घिसते कलम हम रात भर सेवा में आप की,
उठा कर चल दिये तुम यूँ के हो ज़ागीर बाप की..

संभल जाओ, हैं नज़रें हमने गड़ा रखी अब तुम पर,
किसी दिन जनता के बीच कर देंगे ताजपोशी आप की...

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20 JUN 2018 AT 17:27

Hello friends!
Encountered profiles posting copied content?
Someone posted obscene/pornographic
images in the name of plagiarism?
Someone is misbehaving with you by posting
private quotes and/or tagging you
unnecessarily?

Don't worry. No need for panic.
Here on, we will follow profiles that are
genuinely helping us with identifying copycats
and creeps. The community is here to help
the platform be a safe place for all of us.

At any time, in case of any confusion about
plagiarism/copyright image/abusive posts,
you can count on the profiles we are
following. They will guide you and help you
with the issues and direct you, politely.

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23 SEP 2019 AT 12:44

😁😁

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23 NOV 2020 AT 9:17

Mom : beta chashma lagati ho tum ?
She : - haan ji aunty
Mom :- mere bete ko pasand karne ke
Pahle lagana bhul gayi thi kya 🤥

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27 SEP 2017 AT 13:03

शेर मेरे तुम तो खराब से खराब चुरा लोगे ,
और ग़ज़लें भी मेरी किताब से चुरा लोगे ,

इस धंधे में खिलाड़ी मालुम होते हो तुम ,
डर है कि तुम खुशबू गुलाब से चुरा लोगे ,

चाँद घटता , ये आसमान घबराया हुआ है ,
क्या तुम अदाएं भी आफताब से चुरा लोगे ?

खुली आँखों से देखें हैं कुछ सपने हसीन ,
नींद बनकर तुम सब मेरे ख़्वाब से चुरा लोगे |

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27 SEP 2017 AT 17:20

दूसरे को शब्दों को अपना कैसे बना सकोगे ?
नाम तो लिख दोगे जज्बात कहाँ से ला सकोगे ?
चोरी करके तूने क्या सोचा तुम कवि बन गए ?
अल्फ़ाज़ जो दिल को भेद सके वो शब्द कहाँ से लाओगे?
जो तुझको अच्छा लगा उसे तूने अपना बना लिया
जिस एहसास से लिखा था उसे वो एहसास कहाँ से लाओगे?
नहीं बनता कोई तुरंत जाना-पहचाना कवि
कितनी बार गिर कर फिर चढ़ना पड़ता है सीढ़ी
जब तुझे नहीं मालूम होगा तपस्या कवि बनने तक का
जब चोरी ही करोगे तो वो साहस कहाँ से लाओगे ?
कुछ पंक्ति तुम जब तक न समझोगे की
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
जब कोशिश ही नहीं करोगे तो पहचान कहाँ से पाओगे ?

Date:- 27 सितम्बर 2017©©

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