मेरी ही नादानियों से मुझसे रूठी है वो,
जो ग़ुस्सा दिखा रही कितनी झूठी है वो,
मुझे दिखती भी रहे, ऐसे छुप के बैठी है वो!
वो चाहे की थोड़ा माफ़ी माँगू, थोड़ा पुचकारूँ उसे,
वो छोटी बच्ची बन जाए और मैं थोड़ा दुलारू उसे!-
न जाने क्या मासूमीयात हैं
तेरे चहरे मैं तेरे सामने आने
से ज्यादा तो तुजे चुपके
से देखना अच्छा लगता हैं..!!❤-
Yu chupke se tutne ki,
baat hi alag hai sahab,
ye dikhawe ke shor jo humain nhi pasand...!-
चुपके चुपके से जागता है हर कोई
सच से छिपकर भागता है हर कोई।
गुनाह जिस के भी पीछे दौड़ते हैं
हैरत से उसको ताकता है हर कोई।
ज़हर इस कदर भर गया है यहाँ
धीरे धीरे उसे फाँकता है हर कोई।
गलत किया है तो मान ले उसको
पर्दा उसपे क्यों ढाँकता है हर कोई।
उसूलों पर चलना हुआ है मुश्किल
लक्ष्मण रेखा लांघता है हर कोई।
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भूल जाने में उसे थोड़ी सी कसर रखते हैं,
चुपके चुपके ही सही उसपे नज़र रखते हैं ।-
धीरे धीरे इक फूल जैसी , खिलने लगी है वो ,
जबसे मुझसे चुपके चुपके मिलने लगी है वो ।-
किसी शब्दों से नहीं
एहसास से बयां होती है
जो नैनों से होकर
सीधे दिल तक जाती है
अनकही बातों को भी
अनजाने में कह जाती है
चुपके से नैनों में आती है
और सब बोल जाती है....
दिलों के रास्ते नैना ही खोले.....
जो दिल ना बोले वो नैना बोले....-
तुम्हारी रजामंदी🙈 से हम भी मोहब्बत 💏की शुरुआत कर लेते 😉
ख्यालों में भी हम तुम्हारा 👫ख्याल कर लेते 😍
तुमसे रोज मोहब्बत💏 का हम भी इजहार कर लेते 😚
चुपके से ही सही 🙈तुमसे मोहब्बत 💏वाली बात कर लेते 😘
इश्क में हम 👦भी तुमसे छोटी छोटी 👫मुलाकात कर लेते😉😍
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suna hai,
cheharai bayaan krte hai..
fitrat logo ke,
..
jara padh sako hume to,
hume bhi batana....-