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तारीफ़ें क्या करें उनकी जो ऐसा हुनर रखते हैं
चाल है चीते की और बाज़ की नज़र रखते हैं
ठिकानों का क्या उनके कब कहाँ मिल जायें
शामें लखनवी उनकी दिल्ली की सहर रखते हैं
कहर टूटे उनका तो बस क़यामत करीब समझो
आँखों में गुरूर है भरा और जेब में तेवर रखते हैं
जाने क्यों भटका किये उन्हें ढूंढ़ने की खातिर
कूचा-ए-दिल में ही तो वो अपना घर रखते हैं
छुपाना नहीं उनसे और बताना भी जरूरी नहीं
मशगूल खुद में होकर भी सबकी खबर रखते हैं
रखना सहेज के कई परतों में छुपाकर उनको
उड़ ना जाये कहीं वो परिंदों से पर रखते हैं
इस महफ़िल में भी दीवाने कई हैं उनके हुनर के
'मौन' कर दे उनके अलफ़ाज़ इतना असर रखते हैं-
If you want to flourish,
Nourish your own capabilities,
Never try to run after seeing
The capability of others.-
ಮಾತೆ ಮಗುವಿಗಿಡುವ ಕಾಡಿಗೆ
ದೃಷ್ಟಿ ಬೀಳದಿರಲಿ ಎಂದು
ಈ ಚಿರತೆಮರಿಗೆ ಯಾರಿಟ್ಟರೇ ಸಖಿ?
ಪ್ರಕೃತಿಮಾತೆಯ ಈ ಅಚ್ಚರಿಗೆ
ಮನ, ಮೂಕ ವಿಸ್ಮಿತವಾಗುವುದು.-
तेरे टुकड़ियां ते पलन वाले कुत्ते ना समझी
जट्ट वह चीता जो शेर दे मुँह में से उसका निवाला छीन लेता है-
Don't prove yourself in a unfit race,
as
Cheetah never run in the dogs race.-
"सड़को पे रो रही हैं गोपाल तेरी गैया,
और करोड़ों में सरकार खरीद लाई विदेशी बिलिया.-
घोडा के साथ रेस लगाना तो खुद को चीताह बनाना पड़ेगा ।।
If you want to compete with a horse, make yourself a cheetah...-
Koe bola tha ,
tumhe paane ke liye,
Kitne sidhiya hai,⏳
Dhere dhere chadh jauga
Bhale he kachuve ki chaal,
Hume kya pta tha log juth bhi itne acchese bolte hai ki sidhiya shuru hone se phele he bhag jaege cheetah ki tarah.💔💔💔-