तुम खुद को देखे बिना मुझे दोषी ठहराओ
मैं नहीं कहती हमेशा मैं ही सही हूँ
गलती जब मेरी हो तो मैं स्वीकार जाऊँ
पर जहाँ मैं जानती हूँ मैं सही हूँ तो परवाह नहीं मुझे
फिर चाहो तुम मैं झुककर हर बार तुम्हारे पीछे आऊँ
तो हाँ मैं बुरी हूँ।
तुम चाहे खास हो मेरे लिए पर मेरी बात
सुने बिना ही मुझसे रूठ जाओ
कहाँ गलत थी मैं मुझे मेरी गलती भी ना बताओ
फिर चाहो तुम कि मैं ही तुम्हें मनाऊँ
तो हाँ मैं बुरी हूँ।
तुम मेरी छोटी-छोटी कमियों और गलतियों
को बहुत बड़ा बताओ
किया हो बर्ताव बुरा और जब मन करें अपनापन जताओ
फिर चाहो तुम मैं सब भूलकर अच्छी तरह पेश आऊँ
तो हाँ मैं बुरी हूँ।
तुम रहो व्यवहार अच्छे तो मैं और अधिक अच्छी रहूँ
जो हो नाता करो कद्र तो साथ निभाऊ
पर तुम बिना बात के मुझे बुरा-भला सुनाओ
सिर्फ जरूरत पड़ने पर अच्छा बन जाओ
फिर चाहो तुम कि मैं तुम पर यकीन कर जाऊँ
तो हाँ मैं बुरी हूँ।
-✍ Gunjan Pandey
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26 FEB 2022 AT 8:28
16 JUL 2020 AT 17:49
कागज़ को ऐसे मोड़ो के कचरा बन जाए
दुप्पटा को ऐसे ओढ़ो के कपड़ा बन जाए
देखने वालों की नज़रे भी झुकी रह जाए-
13 MAY 2020 AT 17:14
ज़िन्दगी इतनी तो खूबसरत नहीं जितनी लोग तम्मना करते है
पर ज़िन्दगी इतनी भी बुरी नहीं जितना लोग समझा करते है !!-
26 JUN 2020 AT 14:54
Hajaaron tukde kiye usne mere
dil ke!!
Phir khud hi ro pade har tukde
Par apna naam dekhkar!!-
6 MAR 2018 AT 8:13
कुछ धुंधली सी परछाई ही तो रह जाती हैं
बुरी यादों की...
जो हर मोड में एक गुमनाम साथी की तरह चलती हैं...
जब कभी सामना इसकी धुंधलाहट से हो जाता है ...
तो मेरी रूह का हर जर्रां खौफ से बिलखने लगता है ।।-
2 FEB 2022 AT 1:13
Kismat बुरी या में बुरा
यह फैसला न हो सका
में हर किसीका हो गया
कोई मेरा न हो सका
🤓🤓
— % &-
15 MAR 2020 AT 13:53
बुरी नज़र से
तेरा इश्क़
बचा रखा है
साथ अपने
काले धागे से
बाँध रखा है।
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