Himani Pant   (हिमानी पन्त ✍)
1.4k Followers · 38 Following

Plz like share and subscribe
यादों की कैद में गिरफ्तार हो गया दिल....

Born on 27 sep
Joined 30 July 2017


Plz like share and subscribe
यादों की कैद में गिरफ्तार हो गया दिल....

Born on 27 sep
Joined 30 July 2017
14 FEB AT 13:45

इश्क़ जो था अधूरा रह गया
वैसे भी कहानी लोगो को अधूरी ही अच्छी लगती है।

-


13 FEB AT 17:08

वफादारी में जिसकी हमेशा सवाल रहा...
ये दिल भी , उसी शख्स में हार गया।

हर रोज बदल जाता है जिसका इश्क...
वो मेरे सफर का पहला प्यार रहा।।

-


12 FEB AT 20:23

लौट आते हम भी गर वो मनाने आते
रूठ गए जो पहले ही वो क्या हमे लेने आते।


हम तो बेवजह ही आस  लगाए बैठे थे
वो तो कई घर घूम फिर यहां आते।


बदसुलूकी इन आंखों  ने हर बार करी
तस्वीर को ही देख महज भीग जाते।


निभा सके जो, हर इश्क ऐसा हो ये जरूरी नहीं
कुछ बीच मोड़ में भी साथ छोड़ जाते।

-


11 FEB AT 7:16

तेरी मोहब्बत का मुझ में इतना असर रहा
कि मुझ में पहले सा कुछ ना रहा।


शिकायत बहुत है तुझ से मेरी
पर माफी तुझे दे दूं , तू इस काबिल भी ना रहा।

-


10 FEB AT 9:38

तोड़ के दिल अपना
अब ये दिल लगाना छोड़ दिया।

गुम हूं जो मैं एक अरसे से कहीं 
अब इस खामोशी ने  शोर मचाना छोड़ दिया।

जल रहा था मेरे भीतर जो  तिन तिन के
छोड़ो, अब मैंने आग बुझाना ही छोड़ दिया।

घूमती फिरती थी गलियों में तेरी
अब इन कदमों ने आना जाना ही छोड़ दिया।

-


9 FEB AT 21:29

देख कर नजरे चुरा ली उसने आज भी
फक्र इस बात का रहा कि 
अभी तक भूला नहीं वो मुझे।

-


8 FEB AT 18:40



वो इश्क में भी अदब लेकर चलता था
ओर मै बेबाक सी बस एक साथ ढूंढा करती थी।

-


7 FEB AT 9:14

किताबों में मिली सूखी पंखुड़ियां यही सवाल करती है
कहां गए वो गुलाब देने वाले जिसके कांटे भी तू सजोया करती थी।

-


6 FEB AT 13:33

भूल जाने की जिद्द में, 
तुम फिर याद आने लगें हो।


जवाब की खोज में तुम फिर 
एक नया सवाल बनने लगे हो।


कैद किया था,  तुम्हे तस्वीरों में कही
ख्वाब बन कर तुम फिर आने लगे हो।


मुश्किल था जो सफर तुम बिन
अब तुम उसे ओर उलझाने लगे हो।

 

साथ एक बार छोड़ देते सही से ही तुम
क्यों बार बार ये ख्यालों में साथ निभाने लगे हो।

-


6 FEB AT 13:23

नही आ पाए पसंद उन्हें हम
तमाम कोशिशों के बाद भी।


हम उन्हें सादगी से रिझाते रह गए
जिसको इश्क में भी चालाकियां पसंद थी।

  

-


Fetching Himani Pant Quotes