यूँ बदनाम न कर मोहब्बत को,
मोहब्बत तो मुकम्मल होती ,
अगर तेरे दिल ने मेरे जज़्बातों को अहमियत दी होती;
बहुत सारी ख़्वाहिशें नहीं थी मेरी,
बस तेरी जिंदगी का एक हिस्सा चाहती थी,
कभी सोचा न था कि ये ख़्वाहिश मेरी ,
जिंदगी का बस एक किस्सा बन कर रह जाएगी ....
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